Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Mar, 2024 12:31 PM
बॉम्बे हाई कोर्ट सीआईएसएफ जवान को अपनी अनोखी करतूत के लिए जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि नींबू के लिए किसी महिला का आधी रात दरवाजा खटखटाना और वो भी सीआईएसएफ जवान के लिए, पूरी तरह अशोभनीय है। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस हरकत के लिए सीनियर...
नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट सीआईएसएफ जवान को अपनी अनोखी करतूत के लिए जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि नींबू के लिए किसी महिला का आधी रात दरवाजा खटखटाना और वो भी सीआईएसएफ जवान के लिए, पूरी तरह अशोभनीय है। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस हरकत के लिए सीनियर अधिकारियों की ओर से लगाए गए जुर्माने को भी रद्द करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि केवल इस घटिया वजह के लिए आधी रात अकेली महिला के घर जाना बेतुका है। वो भी तब, जबकि घर में कोई पुरुष मौजूद नहीं है। जस्टिस नितिन जामदार और एमएम सथाये की पीठ CISF जवान की ओर से लगाई गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जुलाई 2021 से जून 2022 के बीच उसके सीनियर अधिकारियों द्वारा इस अनुचित व्यवहार के लिए जुर्माना लगाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इस कांस्टेबल ने साल 2013 में सर्विस ज्वाइन की थी और 19 अप्रैल, 2021 को जवान ने अपने पड़ोसी के घर का दरवाजा इसलिए खटखटाया था कि क्योंकि उसे एक नींबू चाहिए था और वहीं महिला घर में अकेली अपनी छह साल की बेटी के साथ रह रही थी। महिला का पति और जवान का सहकर्मी बंगाल में चुनाव ड्यूटी पर गया हुआ था और इस बात की जानकारी भी उसे थी।
कांस्टेबल को आधी रात देखकर महिला डर गई थी और उसने चेतावनी देते हुए धमकी दी थी, जिसके बाद सीआईएसएफ जवान अपने घर चला गया था. कांस्टेबल की इस हरकत की शिकायत महिला ने सीनियर अधिकारियों से की थी, जिसने विभागीय जांच शुरू की थी। आरोपी के खिलाफ आरोप यह था कि उसका अभद्र व्यवहार उत्पीड़न के समान था और यह घोर अनुशासनहीनता और कदाचार का संकेत हैं।
आरोपी जवान को सजा के रूप में तीन साल के लिए वेतन कम कर दिया गया था। इस दौरान सजा के तौर पर उसकी सैलरी भी नहीं बढ़ाई जाएगी।. विभागीय कार्यवाही में पाया गया कि घटना के समय आरोपी ने शराब भी पी थी। सीआईएसएफ जवान ने अपने बचाव में कहा था कि मैं अस्वस्थ महसूस कर रहा था और पेट खराब होने की वजह से नींबू मांगने के लिए पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया था। वहीं अब अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी कांस्टेबल का आचरण निश्चित रूप से सीआईएसएफ कांस्टेबल के लिए अशोभनीय है। हालांकि उन पर लगाए गए आरोप स्पष्ट नहीं हो पाए हैं।