ऑफ द रिकार्ड: बजट पर कड़ी मेहनत कर रहे PM

Edited By Anil dev,Updated: 25 Jan, 2020 08:22 AM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह केन्द्रीय बजट के सभी प्रमुख प्रस्तावों पर नजर रख रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि यह अब तक का सबसे साहसिक बजट होगा। वह वित्त मंत्रालय के प्रत्येक मुख्य...

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह केन्द्रीय बजट के सभी प्रमुख प्रस्तावों पर नजर रख रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि यह अब तक का सबसे साहसिक बजट होगा। वह वित्त मंत्रालय के प्रत्येक मुख्य सचिव को बुलाकर प्रस्तावों के आॢथक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इस बात से परिचित हैं कि अर्थव्यवस्था में मंदी और बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए विभिन्न सैक्टर आगामी बजट को काफी उम्मीद की नजर से देख रहे हैं क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने में असफल रही हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री ने कमान अपने हाथ में ले ली है।

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उन्होंने प्रमुख उद्योगपतियों के समूह से 10 दिन पहले बैठक की थी। इसके अलावा उन्होंने उद्योग जगत के दिग्गजों से भी अलग-अलग बात की ताकि इस बात को समझा जा सके कि लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री विशेष आइडिया और कदम उठाने के पक्षधर हैं। उन्होंने मंत्रियों के साथ भी कई दौर की बैठकें की हैं। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत तथा भारतीय औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पी.एम. 200 से अधिक वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाना चाहते हैं। कॉर्पोरेट सैक्टर में विश्वास बढ़ाने के लिए उन्होंने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जिन क्लॉजिज के तहत आपराधिक केस चलाए जाने का प्रावधान है, उनमें से 50 प्रतिशत में इस प्रावधान को समाप्त किया जाए। सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन्स (एल.टी.सी.जी.) कर का प्रावधान रखा था। अब इसे  वैश्विक नियमों के अनुरूप बनाने के लिए इसमें सुधार किया जा सकता है। यह भी मांग है कि लाभांश वितरण कर को समाप्त या कम कर दिया जाए जो इसमें 20.56 प्रतिशत है। 

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टास्क फोर्स ने यह सिफारिश की है कि 2.50 लाख से 10 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाए लेकिन इस सिफारिश को स्वीकार किए जाने की संभावना बहुत कम है लेकिन यह सीमा 7 लाख तक रखी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने निर्मला सीतारमण को उस विवादित आई.टी.आर. फार्म को भी वापस लेने पर मजबूर किया जो उन्होंने जारी किया था और जिससे उन करदाताओं में काफी चिंता थी जो बिजली बिल के तौर पर 1 लाख रुपए तथा विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपए खर्च करते हैं। प्रधानमंत्री राजस्व विभाग के कुछ ईष्र्यालु अधिकारियों को दंडित करना चाहते हैं। कुल मिलाकर, यह प्रधानमंत्री का ‘बोल्ड बजट’ होगा जिसे वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाएगा।

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