Ration Card पर केंद्र- पंजाब में फिर शुरु हुआ सियासी घमासान, CM मान बोले- 'पंजाबियों को भूखे मरने की न सोचे केंद्र'

Edited By Updated: 25 Aug, 2025 12:36 PM

centre on ration card political turmoil started again in punjab

पंजाब में राशन कार्डों को लेकर राजनीति कोई नई बात नहीं है। 2022 में जब AAP सरकार बनी थी, तब खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने संपन्न परिवारों द्वारा बनवाए गए फर्जी राशन कार्डों की जाँच के आदेश दिए थे। अब एक बार फिर इस मुद्दे पर केंद्र और...

नेशनल डेस्क: पंजाब में राशन कार्डों को लेकर राजनीति कोई नई बात नहीं है। 2022 में जब AAP सरकार बनी थी, तब खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने संपन्न परिवारों द्वारा बनवाए गए फर्जी राशन कार्डों की जाँच के आदेश दिए थे। अब एक बार फिर इस मुद्दे पर केंद्र और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं।

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सीएम मान का केंद्र पर आरोप-  

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि केंद्र ने पंजाब में 8 लाख से ज़्यादा राशन कार्ड काटने की साजिश रची है, जिससे 32 लाख लोगों को राशन मिलना बंद हो जाएगा। मान के अनुसार इससे पहले भी 23 लाख लोगों को राशन से वंचित किया जा चुका है और अगर यह फैसला लागू होता है तो कुल 55 लाख लोग इस सुविधा से वंचित हो जाएंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि केंद्र द्वारा तय किए गए राशन कार्ड काटने के मापदंड गलत हैं, जैसे कार, सरकारी नौकरी या 2.5 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन का मालिक होना।

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केंद्र का जवाब- 

मुख्यमंत्री मान के आरोपों को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करने के लिए कह रही है और यह काम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया जा रहा है। जोशी ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत योग्य लाभार्थियों की पहचान करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होती है, और केंद्र ने 1.41 करोड़ लाभार्थियों में से किसी को भी नहीं हटाया है।

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राशन कार्ड विवाद के पीछे की राजनीति

इस विवाद के केंद्र में 'वोट बैंक' की राजनीति है। पंजाब में 1.53 करोड़ से ज़्यादा लाभार्थी हैं। इतनी बड़ी आबादी की नाराज़गी किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर लोगों के बीच जाने का फैसला किया है। AAP ने अपने विधायकों की ड्यूटी लगाई है कि वे हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मंशा को लोगों तक पहुंचाएं।

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अतीत में भी रहा है विवाद

राशन कार्ड पर राजनीति का इतिहास पुराना है। शिरोमणि अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस सरकारों के समय में भी नीले कार्ड को लेकर विवाद होते रहे हैं। विपक्ष हमेशा आरोप लगाता रहा है कि सत्ता में बैठी पार्टी ने वोट बैंक के लिए अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया। 2022 में होशियारपुर में एक व्यक्ति का मर्सिडीज कार से आटा-दाल लेने का वीडियो वायरल होने के बाद भी यह मुद्दा काफी गरमाया था।

अन्य मुद्दों पर भी केंद्र-पंजाब आमने-सामने

राशन कार्ड के अलावा भी कई मुद्दों पर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच तकरार है।

  • डेटा चोरी का आरोप: पंजाब सरकार ने भाजपा पर विशेष शिविरों के माध्यम से लोगों का डेटा चोरी करने का आरोप लगाया है, जिसका बाद में दुरुपयोग हो सकता है।
  • BBMB पर CISF सुरक्षा: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के बांधों पर सीआईएसएफ की सुरक्षा लगाए जाने पर भी केंद्र के खिलाफ विरोध जताया है।

साफ है कि आने वाले समय में यह विवाद और भी बढ़ सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियां इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच अपनी-अपनी बात रख रही हैं।

 

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