ऑडियो में खुलासा: होटल आने के लिए कहा छात्रा बोली, पीरियड चल रहे, तस्वीर भेज दूं-  चैतन्यानंद की दास्तां रूह कंपा देगी

Edited By Updated: 08 Oct, 2025 12:19 PM

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दिल्ली के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च का नाम इन दिनों एक बड़े विवाद से जुड़ गया है। इस संस्थान के प्रमुख रहे चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी रुद्र पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जैसे-जैसे...

नेशनल डेस्क: दिल्ली के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च का नाम इन दिनों एक बड़े विवाद से जुड़ गया है। इस संस्थान के प्रमुख रहे चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी रुद्र पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे परत-दर-परत चौंकाने वाली सच्चाइयां सामने आ रही हैं।

पीरियड्स में भी मिलने का दबाव – कॉल रिकॉर्डिंग से खुलासा
ताज़ा खुलासे में कुछ ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग्स सामने आई हैं, जिनमें पीड़ित छात्राएं स्पष्ट रूप से अपने साथ हो रहे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की बात करती सुनाई देती हैं। एक कॉल में छात्रा कहती है कि वह मासिक धर्म में है और इस कारण वह होटल नहीं आ सकती, जहां स्वामीजी (चैतन्यानंद) रुके हुए हैं। इसके जवाब में उसकी महिला वरिष्ठ सहयोगी उसे झिड़कते हुए कहती है – “ये सब बहाने हैं, बाबा नाराज़ हो जाएंगे और तुम्हारे मार्क्स कटेंगे।” इतना ही नहीं, छात्रा मजबूरी में यह तक कहती है कि “मैं पैड की फोटो भेज देती हूं, मैं झूठ नहीं बोल रही।”

डिग्री रोकने और मार्क्स काटने की धमकी
इस पूरे मामले में चैतन्यानंद की तीन महिला सहयोगियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है, जिनमें संस्थान की पूर्व एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा का नाम सबसे प्रमुख है। बताया गया है कि ये महिलाएं छात्राओं को बाबा से मिलने के लिए मजबूर करती थीं। यदि कोई छात्रा मना करती, तो उसे धमकाया जाता कि उसकी डिग्री रोक दी जाएगी या रिजल्ट में नंबर काट दिए जाएंगे। कुछ छात्राओं ने यह भी बताया कि उन्हें फाइव स्टार होटल में लग्ज़री कमरों का लालच देकर बुलाया जाता था।

आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं बनीं शिकार
ज्यादातर पीड़िताएं ग्रामीण या कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से थीं, जिन्हें शिक्षा और नौकरी की उम्मीद में संस्थान में दाखिला मिला था। इन्हीं उम्मीदों और डर के बीच उन्हें बाबा के बनाए इस जाल में फँसा दिया गया। जब छात्राएं विरोध करतीं, तो उन्हें 'बाबा की नाराज़गी' और 'शैक्षणिक नुकसान' की धमकी दी जाती थी।

गिरफ्तारियां और पुलिस जांच
करीब 62 साल के चैतन्यानंद सरस्वती को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया है। उनके साथ उनकी तीन महिला सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है। न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को मिले ऑडियो सबूतों में छात्राओं पर दबाव डालने की बातचीत रिकॉर्ड है। इसमें स्पष्ट तौर पर दिखता है कि यह कोई एक-दो घटनाओं तक सीमित मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित षड्यंत्र था।

नाम, पहनावा और अतीत – सब पर शक
इस मामले में बाबा की असल पहचान को लेकर भी सवाल उठे हैं। शुरुआती वर्षों में वह पार्थ सारथी रुद्र नाम से जाना जाता था, फिर उसने अपने नाम और पहनावे में बदलाव करते हुए स्वयं को संन्यासी चैतन्यानंद सरस्वती घोषित कर दिया। जांच में यह भी सामने आया है कि उसे रामकृष्ण मिशन से वित्तीय अनियमितताओं के चलते बाहर कर दिया गया था।

डिग्रियों के दावे भी जांच के घेरे में
चैतन्यानंद दावा करता है कि उसने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो – बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है, साथ ही भारत और विदेश की सात यूनिवर्सिटियों से उसे मानद डी.लिट. की उपाधियां भी मिली हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन दावों की सत्यता संदिग्ध है और अब इसकी गहन जांच की जा रही है।

बाबा का अय्याशी का साम्राज्य
एक और सनसनीखेज बात जो सामने आई है, वह यह कि बाबा न केवल पांच सितारा होटलों में रुकता था, बल्कि उसे सेक्स टॉयज़ और अश्लील सीडीज़ देखने का शौक भी था। मठ के अंदर ही उसने अपने निजी शौक पूरे करने की व्यवस्था बना रखी थी। उसके खिलाफ यह भी आरोप है कि वह महिला सहयोगियों के ज़रिए छात्राओं को फँसाने का काम करवाता था।
 

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