Edited By Mamta Yadav,Updated: 01 Nov, 2025 02:54 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्ण के साथ काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में निर्मित नवनिर्मित धर्मशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “काशी और तमिलनाडु का सांस्कृतिक संबंध भारत की...
Varanasi News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्ण के साथ काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में निर्मित नवनिर्मित धर्मशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “काशी और तमिलनाडु का सांस्कृतिक संबंध भारत की आत्मा को जोड़ता है — संस्कृत और तमिल दोनों भाषाएं इस आत्मा के दो अभिन्न स्वरूप हैं।” कार्यक्रम का शुभारंभ सीएम योगी ने ‘वनक्कम काशी’ कहकर किया, जिससे सभागार में तमिल अतिथियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
“काशी और तमिलनाडु के बीच हजारों वर्षों का संबंध”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुखद क्षण है कि उपराष्ट्रपति बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में पधारे हैं। श्रीकाशी नाटकोट्टई सोसाइटी द्वारा निर्मित धर्मशाला न केवल श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा देगी बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक एकता का सेतु भी बनेगी। योगी ने कहा, “भगवान श्रीराम द्वारा रामेश्वरम में स्थापित ज्योतिर्लिंग और काशी के भगवान विश्वेश्वर, दोनों ही एक-दूसरे के रूप में पूजित हैं। यह संबंध भारत की सांस्कृतिक एकात्मता का सर्वोत्तम उदाहरण है।”
“आदि शंकराचार्य ने ज्ञान से जोड़ा उत्तर और दक्षिण”
सीएम ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने काशी में आकर आत्मज्ञान प्राप्त किया और पूरे भारत को अद्वैत दर्शन का संदेश दिया। उन्होंने कहा , “काशी ने उन्हें आत्मज्ञान दिया और उन्होंने भारत को आत्मबोध दिया — यही हमारी परंपरा की शक्ति है,”।
“तमिलनाडु की तेनकाशी — दक्षिण की काशी”
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि तमिलनाडु के तेनकाशी में भगवान विश्वनाथ का मंदिर स्थित है, जिसका अर्थ ही “दक्षिण की काशी” है। पांड्य राजाओं ने काशी से ज्योतिर्लिंग लाकर तेनकाशी में इसकी स्थापना की थी। उन्होंने कहा, “भारत में संस्कृत और तमिल साहित्य दोनों सबसे प्राचीन हैं। दोनों में ही भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। यही हमारी भाषाई और सांस्कृतिक एकता का आधार है।”
“अयोध्या में भी दक्षिण भारत के संतों को दिया गया सम्मान”
सीएम योगी ने बताया कि हाल ही में अयोध्या धाम में तमिल संतों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। चारों मुख्य द्वारों का नामकरण जगद्गुरु शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य के नाम पर किया गया है। “यह उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक साझेदारी का प्रतीक है।”
“काशी — भक्ति और विकास का संगम”
योगी ने कहा कि आज काशी न केवल भक्ति की नगरी है बल्कि विकास का नया प्रतीक भी बन रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम इसका उदाहरण है, जिसने परंपरा और आधुनिकता दोनों को जोड़ा है। उन्होंने बताया कि 51 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं काशी में स्वीकृत हुई हैं, जिनमें से 34 हजार करोड़ की योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 16 हजार करोड़ से अधिक की योजनाएं निर्माणाधीन हैं।
“देव दीपावली पर देखें काशी की भव्यता”
सीएम ने बताया कि कल से गंगा महोत्सव शुरू हो रहा है और 5 नवंबर को देव दीपावली का आयोजन होगा। उन्होंने तमिलनाडु और अन्य देशों से आए अतिथियों से आग्रह किया कि वे इस दौरान काशी की भव्यता और दिव्यता का अनुभव करें।