सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के चलते अरविंद केजरीवाल को लेना पड़ा इस्तीफे का फैसला, जानिए क्या थीं ये शर्तें

Edited By Mahima,Updated: 16 Sep, 2024 10:20 AM

conditions of the supreme court arvind kejriwal had to take the decision

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। इस निर्णय के पीछे सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तें भी एक प्रमुख कारण मानी जा रही हैं।

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। इस निर्णय के पीछे सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तें भी एक प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। इन शर्तों ने न केवल केजरीवाल की जमानत की राह को आसान बनाया, बल्कि उनके मुख्यमंत्री पद पर कार्य करने के अधिकारों को भी काफी सीमित कर दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट की शर्तें
13 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में जमानत प्रदान की। हालांकि, इस जमानत के साथ कई महत्वपूर्ण शर्तें भी लगी थीं, जिन्होंने उनके प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित किया। 

कोर्ट की 6 प्रमुख शर्तें
1. मुख्यमंत्री कार्यालय की एंट्री पर पाबंदी**: केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
2. फाइल साइन पर पाबंदी**: किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक हस्ताक्षर नहीं कर सकते जब तक यह अत्यंत आवश्यक न हो।
3. सार्वजनिक बयान पर प्रतिबंध**: केस से जुड़े ट्रायल पर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं कर सकते।
4. गवाहों से बातचीत पर रोक**: केस के गवाहों से किसी भी प्रकार की बातचीत करने पर प्रतिबंध है।
5. आधिकारिक फाइलों तक पहुंच पर पाबंदी**: केस से संबंधित किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रख सकते।
6. जांच में सहयोग**: जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होकर जांच में पूरा सहयोग करना होगा।

केजरीवाल का इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट की इन शर्तों के बाद, अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह दो दिन के भीतर पद छोड़ देंगे और भविष्य में तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर नहीं लगाती। केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और दोनों नेता चुनाव प्रचार के लिए जनता के बीच जाएंगे।

 चुनाव की संभावना
अरविंद केजरीवाल ने यह भी संकेत दिया कि दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की आवश्यकता है। उनका सुझाव है कि महाराष्ट्र के साथ नवंबर में दिल्ली में भी चुनाव कराए जाएं। हालांकि, दिल्ली में अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों ने अरविंद केजरीवाल के प्रशासनिक कार्यों को काफी हद तक सीमित कर दिया था, जिससे उन्होंने इस्तीफे का फैसला किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा और चुनाव की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी।

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