Edited By Rahul Singh,Updated: 07 Aug, 2023 05:25 PM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर जहां सोमवार कांग्रेस ने जमकर जश्न मनाया तो वहीं सदन में बैठक के दौरान बीजेपी की ओर खूब बयानबाजी होती नजर आई। बैठक में 'न्यूज क्लिक' को लेकर भी खूब हंगामा मचा।
. सदन की बैठक में 'न्यूज क्लिक' को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
. 'न्यूज क्लिक' पर चीन के हित में लिखकर भारत का माहौल करने का आरोप
. अब द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद फिर गर्माया मुद्दा
. न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई थी हासिल
. रिपोर्ट के अनुसार, यह पैसा कुछ पत्रकारों में बांट दिया गया
नेशनल डैस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर जहां सोमवार कांग्रेस ने जमकर जश्न मनाया तो वहीं सदन में बैठक के दौरान बीजेपी की ओर खूब बयानबाजी होती नजर आई। बैठक में 'न्यूज क्लिक' को लेकर भी खूब हंगामा मचा। इसको लेकर कांग्रेस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गंभीर आरोप लगाए तो वहीं सदन के बाहर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रेस वार्ता दौरान 'न्यूज क्लिक' का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर विदेशी ताकतों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। आखिर 'न्यूज क्लिक' है क्या...? तो आइए जानें-
क्या है 'न्यूज क्लिक', किसको मिली विदेशी फंडिंग ?
दरअसल, 'न्यूज क्लिक' एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसके ऊपर बीजेपी ने चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया। यह पोर्टल ED के छापों के चलते पहले भी चर्चा में रह चुका है। दो साल पहले ED ने बताया था कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपए की फंडिंग हासिल हुई है। साथ ही बीजेपी की ओर से यह भी आरोप लगा कि 2005 से 2014 के बीच जब भी कोई संकट आया कांग्रेस को भी चीन से पैसा मिला है। अब द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ हासिल हुए हैं और यह पैसा कुछ पत्रकारों में बांट दिया गया है।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
शनिवार को एक रिपोर्ट पेश करते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं के बारे में छुपी एवं अस्पष्ट बात यह है कि नेविल रॉय सिंघम चीनी सरकार के साथ काम करते हैं और पूरी दुनिया में अपने प्रोपेगेंडा को प्रसारित करने के लिए मीडिया संस्थान को आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने दिल्ली स्थित ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट न्यूज क्लिक को आर्थिक सहायता दी थी। यह वेबसाइट चीनी सरकार के विचारों को बढ़ावा देती है। नेविल रॉय सिंघम अमेरिका का नागरिक है लेकिन वो क्यूबा-श्रीलंका मूल का है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा, ''शी जिंपिंग के शासन काल में मीडिया के विस्तार एवं विदेशी प्रभावशाली मीडिया पर ध्यान दिया गया। इसका मकसद स्वतंत्र कंटेंट के नाम पर चीनी प्रोपेगेंडा को छुपाना है। इसका प्रभाव पड़ता देखा गया है। कट्टर वामपंथी समूह चीनी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हैं और इसके बदले में चीनी संस्था आर्थिक सहायता करती है।''
अब क्यों निशाने पर है कांग्रेस ?
सवाल अब यह है कि आखिर कांग्रेस सवालों के घेरे में क्यों हैं। बीजेपी की ओर से क्यों इस मामले में कांग्रेस को घसीटा जा रहा ? दरअसल, बीजेपी का अब आरोप है कि जब दो साल पहले उन्होंने न्यूज क्लिक के खिलाफ मोर्चा खोला था तो कांग्रेस उस समय पोर्टल का बचाव कर रही थी। अनुराग ने कहा कि, घमंडिया गठबंधन और इस गठबंधन के नेता और इससे पोषित समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते हैं। भारत को कमजोर कैसे करना है, कैसे भारत विरोधी एजेंडे को हवा, खाद और पानी दिया जाए ये सब चिंता इससे जुड़े लोग करते हैं।'' अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, ''भारत लंबे समय से दुनिया को बता रहा था कि न्यूज़ क्लिक भी प्रचार का एक वैश्विक जाल है। कांग्रेस, चीन, न्यूज क्लिक सभी एक भारत विरोधी गर्भनाल से जुड़े हुए हैं। अब राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ नजर आने लगा है।''