'माहौल का पैसा अलग...,फिर 20 रुपये की पानी की बोतल 100 में क्यों, दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा सवाल

Edited By Updated: 23 Aug, 2025 04:05 PM

cost for the atmosphere is different then why is a water bottle

दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट्स में ग्राहकों से जबरन वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने रेस्टोरेंट और होटल एसोसिएशनों से सीधा सवाल पूछा कि जब वे पहले से ही खाने-पीने की चीजों को एमआरपी (MRP) से कहीं ज्यादा कीमत पर बेच रहे...

नेशनल डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट्स में ग्राहकों से जबरन वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने रेस्टोरेंट और होटल एसोसिएशनों से सीधा सवाल पूछा कि जब वे पहले से ही खाने-पीने की चीजों को एमआरपी (MRP) से कहीं ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं, तो अलग से सर्विस चार्ज क्यों ले रहे हैं?

कोर्ट ने पूछा- ₹20 की पानी की बोतल ₹100 में क्यों?
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने एक उदाहरण देते हुए पूछा, “अगर एक ₹20 की पानी की बोतल को रेस्टोरेंट में ₹100 में बेचा जाता है, तो अतिरिक्त ₹80 किस बात के लिए वसूले जाते हैं?”
बेंच ने कहा कि रेस्टोरेंट्स यह कहते हुए ज्यादा कीमत लेते हैं कि वे ग्राहकों को “अच्छा माहौल और अनुभव” दे रहे हैं। कोर्ट ने साफ कहा, "जब आप माहौल देने के नाम पर कीमत बढ़ा ही रहे हैं, तो सर्विस चार्ज अलग से क्यों?"
कोर्ट ने इसे अनुचित व्यापारिक प्रथा बताया और कहा कि खाने के बिल पर पहले सर्विस चार्ज और फिर उस पर जीएसटी (GST) लगाना ग्राहकों के लिए "दोहरा झटका" है।


हाईकोर्ट का पुराना फैसला
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मार्च 2025 में भी हाईकोर्ट के एक जज ने कहा था कि रेस्टोरेंट्स ग्राहकों से जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। कोर्ट ने उस समय भी इस प्रथा पर रोक लगाई थी, लेकिन कुछ रेस्टोरेंट अब भी यह चार्ज ले रहे हैं। कोर्ट के इस सख्त रुख से उम्मीद है कि आने वाले समय में ग्राहकों को इस मनमानी वसूली से राहत मिलेगी।

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