Edited By Hitesh,Updated: 21 Apr, 2021 04:18 PM
देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे पढ़ कर आपको थोड़ी सी राहत मिलेगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने अपने एक शोध में पाया है कि भारत में बनी पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वायरस के...
नेशनल डेस्क: देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे पढ़ कर आपको थोड़ी सी राहत मिलेगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने अपने एक शोध में पाया है कि भारत में बनी पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकारों के खिलाफ असरदार है और यह कोरोना की नई डबल म्यूटेंट स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी ढंग से काम करती है ।
इस कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक ने किया है। भारत में 18 साल या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी एक मई से दे दी गई है ऐसे में देश में टीकाकरण कार्यक्रम को विस्तार देने से ठीक पहले आए इस शोध से आशाएं और बढ़ गई हैं।
कैसे पहले से ज्यादा खतरनाक है कोरोना की दूसरी लहर
पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार कोरोना के डबल म्यूटेंट वैरियंट( B.1.617) की मौजूदगी को स्वीकार किया था। तब से लेकर डबल म्यूटेशन ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 10 मुल्कों में पाया जा चुका है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा करीब तीन लाख तक पहुंच चुका है और ऐसे में विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारणों की तलाश में जुटे हुए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरियंट को B.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ई484क्यू व एल452आर दोनों प्रकार के म्युटेशन पाए गए हैं। कई देशों में यह वेरिएंट अलग-अलग पाए गए हैं लेकिन भारत में पहली बार यह दोनों एक साथ सामने आए हैं। दोनों म्युटेशन मनुष्यों की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को आसान बनाते हैं।