वित्त मंत्री सीतारमण का दावा: आत्मनिर्भर भारत ने साबित किया, अब पीछे मुड़कर देखने का समय नहीं

Edited By Updated: 30 Jun, 2025 05:33 PM

self reliant growth from defense to economy says finance minister

भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों एक ऐसी स्थिति में है जिसे विशेषज्ञ ‘गोल्डीलॉक्स’ स्थिति कह रहे हैं। इसका मतलब है कि देश की आर्थिक गति न तो बहुत तेज है न बहुत धीमी, बल्कि संतुलित और स्थिर है। इसी संतुलन के बीच भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की...

नेशनल डेस्क: भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों एक ऐसी स्थिति में है जिसे विशेषज्ञ ‘गोल्डीलॉक्स’ स्थिति कह रहे हैं। इसका मतलब है कि देश की आर्थिक गति न तो बहुत तेज है न बहुत धीमी, बल्कि संतुलित और स्थिर है। इसी संतुलन के बीच भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति दिखाई है वह सिर्फ एक सफलता नहीं बल्कि इससे कहीं आगे की कहानी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक साक्षात्कार में इस पर विस्तार से चर्चा की और देश की आर्थिक स्थिति, चुनौतियां और आगे की योजनाओं पर प्रकाश डाला।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का कमाल

वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अब सिर्फ एक नारा नहीं रहा बल्कि इसकी उपलब्धियां अब जमीन पर दिख रही हैं। खासकर रक्षा क्षेत्र में भारत ने जिस तरह से आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं वह उल्लेखनीय है। यह सफलता केवल तकनीकी विकास तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक मानसिकता में बदलाव को भी दर्शाती है।

‘गोल्डीलॉक्स’ स्थिति क्या है और भारत इसमें क्यों है?

वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति को 'गोल्डीलॉक्स' कहा गया है। इसका तात्पर्य है कि देश की अर्थव्यवस्था संतुलित विकास की स्थिति में है जहाँ:

इन सभी संकेतकों का मिलाजुला असर यह दिखाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कठिन वैश्विक परिस्थितियों में भी मजबूती से खड़ी है।

11 वर्षों की नीतिगत स्थिरता का असर

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी नीतियां बनाई हैं जिन्होंने उद्योगों खासकर एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि अब व्यापारी और उद्यमी रुकने की बजाय आगे बढ़ने की सोच रहे हैं।

  • बिज़नेस विस्तार की चाहत बढ़ी है

  • नए बाज़ार की तलाश जारी है

  • बैंकों के पास नकदी उपलब्ध है, जिससे वे कर्ज देने में सक्षम हैं

  • और पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाओं का सकारात्मक असर दिख रहा है

अच्छा मानसून बनेगा अर्थव्यवस्था का बूस्टर

वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाला मानसून अच्छा रहेगा और देशभर में जलाशय भर रहे हैं। इससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। कृषि के साथ-साथ एमएसएमई और निर्यात पर केंद्रित उद्योगों को भी इसका फायदा होगा। यह एक ऐसा ‘साइक्लिक पॉजिटिव’ प्रभाव है जो आर्थिक गतिविधियों को और तेज करेगा।

सुधारों की प्रक्रिया लगातार जारी है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों की दिशा में काम कर रही है, जिसमें जीएसटी और आयकर प्रणाली को सरल और ऑटोमेटेड बनाना प्रमुख है। उन्होंने बताया कि ऑटो-फिलिंग जैसी सुविधाओं से करदाताओं का बोझ कम किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार भूमि मुद्रीकरण, ग्रामीण ऋण को मजबूत करने और दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की कमी जैसी रणनीतिक चुनौतियों का समाधान भी कर रही है। राज्यों के साथ मिलकर व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कोविड के बाद हर वर्ष नई वैश्विक चुनौतियाँ सामने आईं, लेकिन नीतिगत स्थिरता, कारोबारी माहौल में सुधार और कर प्रणाली की स्थिरता ने भारत को इन कठिनाइयों से सफलतापूर्वक पार पाने में मदद की है।

 

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