Edited By rajesh kumar,Updated: 06 May, 2023 07:34 PM
केरल के पहले ट्रांसजेंडर बॉडीबिल्डर की आत्महत्या के कुछ ही दिन बाद राज्य की सामाजिक न्यायमंत्री आर. बिंदू ने कहा कि ‘साइबर बुलिंग' और ‘खराब पत्रकारिता' ने उसे आत्महत्या करने को मजबूर किया और यह शर्म की बात है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सार्वजनिक रूप...
नेशनल डेस्क: केरल के पहले ट्रांसजेंडर बॉडीबिल्डर की आत्महत्या के कुछ ही दिन बाद राज्य की सामाजिक न्यायमंत्री आर. बिंदू ने कहा कि ‘साइबर बुलिंग' और ‘खराब पत्रकारिता' ने उसे आत्महत्या करने को मजबूर किया और यह शर्म की बात है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। जीवन के 25 से ज्यादा वसंत देख चुके प्रवीण नाथ ने चार मई को त्रिशूर जिले में स्थित अपने आवास पर कथित रूप से जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
वह इस साल वेलेंटाइंस डे पर अपने ट्रांसजेंडर साथी से विवाह करने को लेकर सुर्खियों में थे। लेकिन, ऐसा बताया जा रहा है कि प्रवीण अपने संबंध में कथित तनाव को लेकर ऑनलाइन मीडिया में आयी कुछ खबरों को लेकर तनाव में थे। शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बिंदू ने कहा कि बेहद भावनात्मक और निजी क्षणों में प्रवीण नाथ ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट साझा किया (जिसे उन्होंने तुरंत हटा दिया था), उसने बेहद खराब/क्रूर सार्वजनिक व्यवहार को दर्शाया। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो चर्चा हुई उसमें ज्यादातर ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ घृणा और भर्त्सना थी।
बिंदू ने कहा कि ‘साइबर बुलिंग' ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में ‘‘हमारे समाज की अज्ञानता का परिणाम है।'' मंत्री ने कहा, ‘‘यह अक्षम्य है कि ऑनलाइन मीडिया, जिससे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में काम करने की आशा की जाती है, में समझ की कमी है... फिर चाहे वह जानबूझकर हो या अज्ञानता के कारण, यह अहसिष्णुता लोगों को समाज से कटने को मजबूर करती है और आधुनिक लोकतंत्र की ‘मौत' का कारण बन रही है। अब वक्त आ गया है कि मीडिया सनसनी की दौड़ पर पुन:विचार करे और लोगों को इस तुच्छ प्रतिद्वंद्विता से ऊपर रखे।''