Edited By Shubham Anand,Updated: 29 Oct, 2025 06:45 PM

दिल्ली में लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में भारी उछाल देखा गया। 99.9% शुद्ध सोना 1,24,400 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,51,700 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। अमेरिकी फेड रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती और...
नेशनल डेस्क : दिल्ली के सर्राफा बाजार में लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। यह तेजी ऐसे समय पर आई है, जब अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करने पर विचार कर रहा है। बुधवार देर रात चेयरमैन जेरोम पॉवेल द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की संभावना जताई जा रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों को समर्थन मिला है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने के दाम 2,600 रुपए बढ़कर 1,24,400 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए। दो सत्रों से जारी गिरावट का यह सिलसिला यहीं थम गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 2,600 रुपए बढ़कर 1,23,800 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया। पिछली बार यह दर 1,21,200 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,21,800 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी के दामों में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह 6,700 रुपए उछलकर 1,51,700 रुपए प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गई। मंगलवार को यह 1,45,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी
विश्व बाजारों में भी सोना तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। हाजिर सोना 77.26 डॉलर या 1.95 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,029.53 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जिससे तीन दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया। फिलहाल यह 4,020 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा है, जो मंगलवार के 3,886 डॉलर के निचले स्तर से उभरने का संकेत देता है।
चांदी के भाव में भी तेजी आई और यह 2.85 प्रतिशत उछलकर 48.40 डॉलर प्रति औंस हो गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने बताया कि एफओएमसी की बैठक के नतीजों से पहले सोने की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गईं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के चलते सुरक्षित निवेशों की मांग बढ़ रही है।
मिराए एसेट शेयरखान के कमोडिटीज और करेंसी प्रमुख प्रवीण सिंह के अनुसार, फेड रिजर्व द्वारा 25 आधार अंकों की दर कटौती की उम्मीद है क्योंकि बैंक ने अब अपना ध्यान कमजोर हो रहे रोजगार बाजार पर केंद्रित कर लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि धातु बाजार अभी पूरी तरह स्थिर नहीं है, लेकिन दरों में कटौती से गिरावट सीमित रह सकती है।
भू-राजनीतिक जोखिम और वैश्विक संकेत
फेड रिजर्व के फैसले से पहले डॉलर सूचकांक 0.15 प्रतिशत बढ़कर 98.82 पर पहुंच गया। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में नरमी के संकेत मिलने से सोने की मांग में तेजी सीमित हो सकती है।
इसके अलावा, अमेरिकी सीनेट द्वारा सरकारी शटडाउन समाप्त करने वाला विधेयक पारित न हो पाने तथा मॉस्को की प्रमुख तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये सभी भू-राजनीतिक जोखिम सोने जैसी कीमती धातु को और समर्थन प्रदान कर सकते हैं।