Edited By Anil dev,Updated: 27 Sep, 2022 01:11 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) और इसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर “झूठे” आरोप लगाने से बचने का मंगलवार को निर्देश दिया। दरअसल ‘आप' और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप...
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) और इसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर “झूठे” आरोप लगाने से बचने का मंगलवार को निर्देश दिया। दरअसल ‘आप' और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने अंतरिम राहत देते हुए कहा, “मैं वादी के पक्ष में फैसला सुनाता हूं...” विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
उपराज्यपाल ने इसके अलावा ‘आप', इसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को सोशल मीडिया पर साझा किए गए “झूठे” और “मानहानिकारक” पोस्ट, ट्वीट या वीडियो हटाने का निर्देश देने की भी अपील की थी। उन्होंने ‘आप' और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग की है। ‘आप' के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक घोटाले में शामिल थे।