Edited By Yaspal,Updated: 06 Feb, 2022 11:16 PM
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए स्कूल फिर से खुलेंगे क्योंकि कोविड-19 के मामलों में बढोतरी होने के कारण दिसंबर में उन्हें बंद कर दिया गया था। हालांकि, स्कूली क्षेत्र से जुड़े हितधारकों ने पठन पाठन के ‘हाइब्रिड मॉडल'' को...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए स्कूल फिर से खुलेंगे क्योंकि कोविड-19 के मामलों में बढोतरी होने के कारण दिसंबर में उन्हें बंद कर दिया गया था। हालांकि, स्कूली क्षेत्र से जुड़े हितधारकों ने पठन पाठन के ‘हाइब्रिड मॉडल' को लेकर कुछ सवाल भी उठाए हैं। कई शिक्षकों और अभिभावकों ने बताया कि जब ऑनलाइन शिक्षण विकल्प के कारण स्कूलों को फिर से खोला गया था तब उपस्थिति कम थी और यदि प्रत्यक्ष कक्षाएं पूरी तरह से फिर से शुरू नहीं की गईं तो पठन-पाठन के नुकसान की भरपाई करना मुश्किल होगा।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि स्कूल फिर से खुल जाएं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से स्कूल चलाने की बात की है, बेहतर होगा कि वे कॉलेजों की तरह ही यह सब ऑफलाइन कर दें। छात्र बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।''
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार को सात फरवरी से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए स्कूलों के साथ-साथ उच्च शैक्षणिक संस्थानों और कोचिंग सेंटर को फिर से खोलने का फैसला किया था। इसके साथ ही 14 फरवरी से नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू करने का भी फैसला किया गया।
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस (एनपीएससी) की अध्यक्ष सुधा आचार्य ने कहा कि वह सशर्त स्कूल खोलने के फैसले से निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पठन पाठन के हाइब्रिड मॉडल के विकल्प के साथ, हम कभी भी शिक्षा के नुकसान में अंतर को पाटने में सक्षम नहीं होंगे।'' एनपीएससी के सदस्य के रूप में दिल्ली के 122 स्कूल हैं। एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रधानाचार्य अंशु मित्तल ने कहा, ‘‘स्कूली शिक्षा के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक अब छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए परामर्श सत्र की योजना बनानी होगी क्योंकि यह बदलती जीवनशैली ज्यादातर समय बेहद परेशान कर सकती है।''