Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Feb, 2021 09:50 AM
किसान यूनियनों ने 6 फरवरी को ‘चक्का जाम'' करने की घोषणा की है। किसान अपने आंदोलन स्थलों के निकट क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध, अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न और अन्य मुद्दों के खिलाफ तीन घंटे तक राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर अपना...
नेशनल डेस्क: किसान यूनियनों ने 6 फरवरी को ‘चक्का जाम' करने की घोषणा की है। किसान अपने आंदोलन स्थलों के निकट क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध, अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न और अन्य मुद्दों के खिलाफ तीन घंटे तक राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। यूनियन के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक सड़कों को अवरुद्ध करेंगे।
किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों की ‘‘अनदेखी'' की गई है, और उनके विरोध स्थलों पर पानी और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी आरोप लगाया कि किसान एकता मोर्चा के ट्विटर अकाउंट और ‘Tractor2 twitter' नाम के एक उपयोगकर्ता को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि ट्विटर अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई ‘‘सरकारी अधिकारियों के अनुरोध'' पर की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस बजट में ‘‘कृषि क्षेत्र के आवंटन को कम कर दिया गया है।'' पंजाब के एक किसान नेता और एसकेएम से जुड़े बलबीर सिंह राजेवाल ने मीडिया को बताया कि विभिन्न यूनियनों के साथ चर्चा के बाद छह फरवरी को 'चक्का जाम' की रूपरेखा पर फैसला किया जाएगा।
राजेवाल ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया कि कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, इसके अलावा कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें एक पत्रकार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा 6 फरवरी का विरोध उन पत्रकारों पर किए गए उत्पीड़न के खिलाफ भी होगा, जो जमीनी सच्चाई को सामने ला रहे हैं।