Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Jul, 2025 05:12 PM

आजकल पर्सनल लोन लेना बेहद आसान हो गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोन की अवधि यानी टेन्योर को समझना क्यों जरूरी है? लोन की टेन्योर आपकी EMI, कुल ब्याज और फाइनेंशियल हेल्थ पर सीधे असर डालती है। कई लोग टेन्योर की सही जानकारी न होने की वजह से...
नेशनल डेस्क: आजकल पर्सनल लोन लेना बेहद आसान हो गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोन की अवधि यानी टेन्योर को समझना क्यों जरूरी है? लोन की टेन्योर आपकी EMI, कुल ब्याज और फाइनेंशियल हेल्थ पर सीधे असर डालती है। कई लोग टेन्योर की सही जानकारी न होने की वजह से भारी ब्याज चुकाने को मजबूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं पर्सनल लोन की टेन्योर कैसे चुनें और इससे कैसे लाखों रुपए बचाएं।
पर्सनल लोन की टेन्योर क्या होती है?
पर्सनल लोन की टेन्योर वह समय होता है जिसमें आप लोन की पूरी राशि और उस पर लगने वाला ब्याज चुका देते हैं। भारत में आम तौर पर यह अवधि 12 महीने से लेकर 60 महीने तक होती है, लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां 84 महीने तक भी लोन देती हैं। टेन्योर जितनी छोटी होगी, आपकी EMI ज्यादा होगी लेकिन कुल ब्याज कम होगा। वहीं लंबी टेन्योर पर EMI कम लेकिन ब्याज की कुल राशि ज्यादा होती है।
क्यों जरूरी है सही टेन्योर चुनना?
लोन लेने से पहले सही टेन्योर चुनना इसलिए जरूरी है क्योंकि:
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EMI की राशि तय होती है: टेन्योर छोटा होगा तो EMI ज्यादा देना पड़ेगा, लंबा होगा तो EMI कम होगी
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कुल ब्याज भुगतान प्रभावित होता है: कम अवधि पर ब्याज कम चुकाना पड़ता है, लंबी अवधि पर ब्याज ज्यादा होता है
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आपकी मासिक आय और खर्चों से तालमेल बैठाना पड़ता है।
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फाइनेंशियल प्लानिंग में मदद मिलती है।
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क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है यदि EMI समय पर भुगतान हो।
छोटा टेन्योर चुनें तो क्या फायदे हैं?
अगर आपकी आय अच्छी है और आप हर महीने अधिक EMI देने की क्षमता रखते हैं, तो छोटा टेन्योर चुनना आपके लिए फायदेमंद है:
लंबा टेन्योर कब बेहतर विकल्प है?
अगर आपकी मासिक आय सीमित है या पहले से कोई अन्य लोन चल रहा है, तो लंबी अवधि का पर्सनल लोन चुनना बेहतर होता है:
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हर महीने कम EMI देनी पड़ेगी
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मासिक वित्तीय दबाव कम होगा
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आप अपने खर्च और बचत को बेहतर मैनेज कर पाएंगे
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हालांकि कुल ब्याज भुगतान ज्यादा होगा
EMI कितना होना चाहिए?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि आपकी कुल EMI आपकी मासिक आय का 30 से 40 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे आपकी रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी और आप आराम से EMI दे पाएंगे। ध्यान रखें कि सिर्फ कम EMI देखकर लोन न लें, बल्कि कुल ब्याज और लोन की कुल लागत पर भी नजर रखें।
पर्सनल लोन टेन्योर चुनते समय ध्यान रखने वाली बातें
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अपनी मासिक आय और खर्चों का सही आंकलन करें
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पहले से चल रहे लोन का ब्योरा देखें
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फ्यूचर में बड़े खर्च या निवेश की योजना बनाएं
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EMIs के साथ इमरजेंसी खर्चों के लिए भी बचत रखें
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लोन की कुल लागत यानी प्रिंसिपल प्लस ब्याज को समझें
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समय-समय पर लोन की समीक्षा करते रहें
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अगर संभव हो तो छोटे टेन्योर वाला लोन लें, ताकि ब्याज बच सके
स्मार्ट बॉरोअर बनने के फायदे
जब आप समझदारी से टेन्योर चुनते हैं और EMI समय पर चुकाते हैं तो:
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आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।
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भविष्य में आपको लोन लेना आसान होता है।
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फाइनेंशियल स्ट्रेस कम रहता है।
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आप आसानी से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर पाते हैं।