Edited By Parveen Kumar,Updated: 09 Dec, 2022 08:39 PM
कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी हार के लिए वस्तुत : प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि यह चुनावी प्रदर्शन ‘अत्यंत निराशाजनक' रहा है और स्थानीय नेतृत्व को लेकर अब कठोर निर्णय लेने का समय है।
नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी हार के लिए वस्तुत: प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि यह चुनावी प्रदर्शन ‘अत्यंत निराशाजनक' रहा है और स्थानीय नेतृत्व को लेकर अब कठोर निर्णय लेने का समय है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में केंद्रीय नेता कितना भी प्रचार करेंगे, लेकिन आखिरकार लोग फैसला स्थानीय नेतृत्व को देखकर ही करते हैं। कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि गुजरात में कांग्रेस का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के साथ ही उसके गठबंधन के ‘अनौपचारिक घटक दलों' एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के साथ था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात के चुनाव नतीजे अत्यंत निराशाजनक हैं।
हम इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे। गुजरात में कांग्रेस और भाजपा का मुकाबला नहीं था। वहां एक तरफ भाजपा और एआईएमआईएम एवं आप का गठबंधन था, तो दूसरी तरफ कांग्रेस थी।'' रमेश ने दावा किया, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाएं भाजपा की मदद करने में लगी हुई थीं। हमने शिकायत की, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। ‘जी 2' यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगे हुए थे। आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा वोट प्रतिशत 27 है। यह 40 प्रतिशत से घटकर हुआ है।
27 प्रतिशत वोट कम नहीं होता और यह एक चुनाव में 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।'' रमेश ने कहा, ‘‘हम कोई बहाना नहीं बना रहे। यह आत्मचिंतन का समय है, एकजुट होने का समय है। नया नेतृत्व लाने का समय है। गुजरात में मुद्दे हैं।'' उनका यह भी कहना था कि अब स्थानीय नेतृत्व को लेकर कठोर निर्णय लेने का वक्त है। उन्होंने कहा कि प्रचार अभियान प्रदेश नेतृत्व ने चलाया था। ‘भारत जोड़ो यात्रा' के गुजरात चुनाव पर असर से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा अलग है, ये चुनाव अलग हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए कितना भी प्रचार केन्द्रीय नेता करें, केन्द्रीय व्यक्ति करें, आखिरकार लोग स्थानीय नेतृत्व को देखते हैं।'' भाजपा को गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में 52.5 प्रतिशत मत के साथ 156 सीट मिली है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस 27 प्रतिशत मतों के साथ 17 सीट पर सिमट गई, तो आप को करीब 13 प्रतिशत मतों के साथ पांच सीट हासिल हुई। रमेश ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर कहा कि जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और अब सरकार को पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने समेत विभिन्न वादों को पूरा करना है।
उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘एक तरह से देखा जाए तो हिमाचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार नाकाम रहा। गुजरात को छोड़कर अन्य सभी जगह भाजपा के खिलाफ नतीजे आए हैं।'' एक अन्य सवाल के जवाब में रमेश ने कहा कि सीमा पर चीन के अतिक्रमण के विषय पर विपक्ष 22 महीनों से संसद में चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इससे भाग रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश के साथ धोखा कर रही है।