Edited By Parminder Kaur,Updated: 22 Jul, 2024 05:47 PM

कर्नाटक में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बांध लबालब भर गए हैं। पश्चिमी घाट के तटीय और मलनाड क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश के कारण यहां से निकलने वाली कई नदियां उफान पर हैं। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी)...
नेशनल डेस्क. कर्नाटक में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बांध लबालब भर गए हैं। पश्चिमी घाट के तटीय और मलनाड क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश के कारण यहां से निकलने वाली कई नदियां उफान पर हैं। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के अनुसार, कावेरी बेसिन में पानी का प्रवाह 98,577 क्यूसेक था जबकि जल निकासी 70,645 क्यूसेक थी। 124 फुट के जलाशय स्तर वाले कृष्णा राजा सागर (केआरएस) बांध में वर्तमान में 123.2 फुट पानी है। कावेरी नदी घाटी के अन्य बांध हारंगी, हेमवती और काबिनी भी लबालब भर गए हैं। कावेरी नदी घटी में बारिश ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक में कम बारिश को लेकर चिंता थी और राज्य पानी को लेकर पड़ोसी तमिलनाडु के साथ कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा था। कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने कर्नाटक को जुलाई के अंत तक पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए एक टीएमसी फुट पानी छोड़ने का निर्देश दिया था।

केआरएस बांध का दौरा करने के बाद कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि सीडब्ल्यूआरसी ने राज्य को 11 जुलाई से महीने के अंत तक 20 टीएमसी पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। इंद्रदेव हम पर मेहरबान हैं और मां कावेरी मंथर गति से बह रही है। कर्नाटक सीमा पर तमिलनाडु के बिलिगुंडलू में पहले ही 30 टीएमसी पानी बह चुका है। हमारे बांध पूरी तरह से भर गए हैं और हम पानी छोड़ रहे हैं।"
कृष्णा नदी घाटी में भद्रा, तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मालाप्रभा, अलमाटी और नारायणपुरा बांध लगभग भर चुके हैं और इन बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इन छह बांधों की सकल क्षमता 422.45 टीएमसी है जबकि सोमवार को 312.96 टीएमसी का भंडारण था। पिछले साल आज ही के दिन 129.59 टीएमसी पानी का भंडारण था। तीन जल विद्युत परियोजना बांध लिंगनमक्की, सुपा और वरही तथा वाणी विलास सागर भी पूरी तरह भर गए हैं।