Edited By Mehak,Updated: 16 Dec, 2025 04:41 PM

अक्सर लोग पेट या शरीर में होने वाले हल्के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में लगातार दर्द लिवर कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके साथ थकान, वजन कम होना, भूख न लगना और पीलिया जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।...
नेशनल डेस्क : हम अक्सर शरीर में होने वाले छोटे-मोटे दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। पेट में हल्का दर्द, थकान या भारीपन को लोग आम बात समझ लेते हैं। लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ दर्द गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं। खासतौर पर पेट के दाहिने हिस्से में होने वाला लगातार दर्द लिवर से जुड़ी परेशानी की ओर इशारा कर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. जय चोकशी के अनुसार, अगर पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में लंबे समय तक दर्द बना रहे, तो यह लिवर कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और धीरे-धीरे बढ़ भी सकता है। कई मामलों में यह दर्द पीठ या कंधे तक फैल जाता है।
लिवर कैंसर में कहां होता है दर्द
लिवर पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में होता है। इसलिए लिवर से जुड़ी समस्या होने पर इसी हिस्से में दर्द या असहजता महसूस होती है। शुरुआत में यह दर्द नजरअंदाज करने लायक लग सकता है, लेकिन समय के साथ यह लगातार बना रह सकता है।
लिवर कैंसर के अन्य सामान्य लक्षण
लिवर कैंसर सिर्फ दर्द से ही नहीं, बल्कि कई दूसरे संकेतों के साथ भी सामने आ सकता है। जैसे –
- बिना ज्यादा काम किए लगातार थकान महसूस होना
- अचानक वजन कम होना
- भूख न लगना
- आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
- पेट में सूजन या भारीपन
- बार-बार मतली या उल्टी आना
किन लोगों में ज्यादा रहता है खतरा
कुछ आदतें और बीमारियां लिवर कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं। इनमें लंबे समय तक शराब पीना, हेपेटाइटिस B या C का संक्रमण, फैटी लिवर की समस्या, मोटापा, धूम्रपान और असंतुलित खान-पान शामिल हैं।
लिवर कैंसर से बचाव कैसे करें
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए शराब और धूम्रपान से दूरी बनाना जरूरी है। संतुलित और पौष्टिक आहार लें, नियमित व्यायाम करें और वजन को कंट्रोल में रखें। समय-समय पर लिवर की जांच कराते रहें और हेपेटाइटिस B का टीकाकरण जरूर कराएं। लिवर कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसके लक्षण समय रहते पहचान लिए जाएं तो इलाज संभव है। अगर पेट के दाहिने हिस्से में लगातार दर्द या बताए गए अन्य लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना ही समझदारी है। समय पर सतर्क रहना ही सबसे बेहतर बचाव है।