सरकारी बाल घरों में रह रहे बच्चों के लिए ऐतिहासिक पहल

Edited By Updated: 08 Aug, 2024 07:52 PM

historic initiative for children living in government children s homes

सरकारी बाल घरों में रह रहे बच्चों के लिए ऐतिहासिक पहल



चंडीगढ़, 8 अगस्त (अर्चना सेठी) सरकारी बाल घरों और ऑब्जर्वेशन होम्स/विशेष घरों में रहने वाले बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए ऐतिहासिक पहल करते हुए, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास संबंधी कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज छतबीड़ में चेन्नई आधारित एनजीओ नालंदावे फाउंडेशन के साथ समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की ताकि इन बच्चों के बेहतर पुनर्वास के लिए कला-आधारित तंदुरुस्ती और परिवर्तन परियोजना शुरू की जा सके।

इस कदम को पंजाब राज्य में अपनी तरह का पहला और अभिनव कदम बताते हुए, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत, पंजाब की सरकारी बाल देखभाल संस्थाओं में रह रहे बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के साथ-साथ कानूनी प्रक्रियाओं का सामना कर रहे बच्चों को 21वीं सदी के योग्य नागरिक बनाने के लिए उन्हें कौशल, रोजगार, करियर गाइडेंस, मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती और शैक्षिक सहायता के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि उन्हें एक सुरक्षित पुनर्वास प्रदान किया ज सके।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हर बच्चे का कोई न कोई सपना होता है, लेकिन सरकारी बाल देखभाल संस्थाओं (सी.सी.आई.) में परिवारों के बिना रह रहे बच्चों के मामले में स्थिति कुछ दयनीय हो जाती है। बाल घरों में बच्चे बहुत कोमल स्वभाव के होते हैं, इसलिए उनके भविष्य को दिशा देने के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। उनमें से कई के भीतर प्रतिभा छिपी होती है, जिसे अधिक प्रयास से उभारने की आवश्यकता होती है। इन मामलों में, यह एनजीओ, जो पहले ही तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और दिल्ली सी.सी.आई. में काम कर चुका है, इन बच्चों की बेहतरी के लिए पढ़ाई-लिखाई जैसे बुनियादी साक्षरता कौशल में आवश्यक सहायता प्रदान करने और 6-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और करियर काउंसलिंग में मददगार साबित होगा।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को पहले चरण में 6 सरकारी बाल घरों और 5 निगरानी/विशेष घरों में चलाया जाएगा और अगले चरण में इसका दायरा सरकारी सहायता प्राप्त 4 बाल घरों तक बढ़ाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि आज जब उन्होंने छतबीड़ चिड़ियाघर के विशेष दौरे पर आए इन बच्चों के साथ दोपहर के भोजन के बाद बातचीत की, तो यह हर किसी के लिए दिल को छू लेने वाली कहानी थी क्योंकि इनमें से हर बच्चा अपने दिल में कोई बड़ा सपना संजोए बैठा है। 8वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही एक लड़की सेना में कप्तान बनना चाहती है जबकि दूसरी भारतीय सेना में जाना चाहती है। इसी तरह, लड़कों में से एक पुलिस में भर्ती होना चाहता है और दूसरा गायक बनना चाहता है।

उन्होंने कहा कि बाल देखभाल संस्थाओं का संचालन करने वाले विभाग की मंत्री होने के नाते, इन बच्चों के भविष्य और 18 साल के बाद के पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी हमारी है। इस दौरान मंत्री ने चिड़ियाघर में पौधे भी लगाए और सभी से अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की।

पंजाब सरकार के पंजाब विकास आयोग के सदस्य अनुराग कुंडू ने अपने संबोधन में विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हर राज्य आने वाली पीढ़ियों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार विकास के रास्ते पर बड़ी प्रगति कर रही है। उन्होंने बच्चों को बड़े सपने देखने और लक्ष्य प्राप्ति तक अपने सपनों के लिए मेहनत करते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जितनी मेहनत हम करते हैं वह हमारी किस्मत को मजबूत और खुशहाल बनाती है।

 

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