गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स को बिना वारंट गिरफ्तारी पर लगाई रोक

Edited By Updated: 22 Feb, 2019 09:12 PM

home ministry stops execution of assam rifles without warrant arrest

गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स को पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार देने संबंधी अपनी अधिसूचना के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने...

नई दिल्लीः गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स को पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार देने संबंधी अपनी अधिसूचना के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गत गुरूवार को जारी उस अधिसूचना पर अभी अमल नहीं किया जायेगा जिसमें असम राइफल्स को आपराधिक दंड संहिता के तहत पांच राज्यों असम , अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया था।

सूत्रों ने कहा है कि मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि इस अधिसूचना के बारे में पहले संबंधित राज्य सरकारों के साथ विचार विमर्श किया जायेगा। दरअसल असम राइफल्स को असम राइफल्स अधिनियम 1941 के तहत ये अधिकार हासिल थे लेकिन नये असम राइफल्स अधिनियम 2006 के अमल में आने के बाद इन अधिकारों को दोबारा लागू करने को लेकर विचार विमर्श चल रहा था।

इसी बीच भारत-म्यांमार सीमा क्षेत्र (दोनों ओर 16 किलोमीटर) में प्रभावशाली मुक्त आवागमन के मद्देनजर इस मुद्दे को जरूरी समझा गया। वर्ष 2018 में भारत और म्यांमार के बीच एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। इसके तहत सीमा प्रहरियों को विदेशी अधिनियिम 1946, पासपोर्ट अधिनियम 1967 और पासपोर्ट एंट्री इंडिया एक्ट 1920 के तहत समुचित अधिकार दिया जाना जरूरी था। इसे ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स को अधिकार देने का निर्णय लिया था।

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