राज्यसभा में टीएमसी सांसदों की गुंडागर्दी, IT मंत्री से कॉपी छीन हवा में उड़ाई

Edited By Yaspal,Updated: 22 Jul, 2021 05:39 PM

hooliganism of tmc mps in rajya sabha copy snatched from ashwani vaishnav

तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिये। वैष्णव उस समय उच्च सदन में पेगासस...

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिये। वैष्णव उस समय उच्च सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर सदन में बयान दे रहे थे।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा। इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करते हुए आसन के समीप आ गए तथा नारेबाजी करने लगे।

इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने केंद्रीय मंत्री के हाथों से बयान की प्रति छीन ली और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिया। इस स्थिति में वैष्णव ने बयान की प्रति सदन के पटल पर रख दी। उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया लेकिन जब उनकी एक ना सुनी गई। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘यह असंसदीय परंपरा कृपया... जिस रिपोर्ट को हमलोग सुनना चाहते थे ...उस पर बहस नहीं होने दे रहे हैं...यह कौन सी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।''

हंगामे के बीच ही उपसभापति ने संसदीय समितियों की रिपोर्ट की प्रतियां सदन के पटल पर रखवाई। हंगामें के कारण यह विधायी कामकाज नहीं हो सकता था। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। बहरहाल, उच्च सदन में वैष्णव द्वारा पेश बयान कमोबेश लोकसभा में पेश बयान के अनुरूप ही था।

वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई को एक वेब पोर्टल ने कथित जासूसी की खबर प्रकाशित की और यह प्रेस रिपोर्ट 19 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले सामने आई। यह संयोग नहीं हो सकता है। वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई 2021 को आई प्रेस रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और एक स्थापित संस्थान की छवि को धूमिल करने का प्रयास लगती है। उन्होंने कहा कि अतीत में वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया था लेकिन इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है।

गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।

इससे पहले भी विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सदन में हंगामा किया था। इसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी विवाद सहित कुछ अन्य मुद्दों पर सदन में नारेबाजी की।

 

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