Operation Sindoor के बाद भारत का पाकिस्तान पर एक और ‘सर्जिकल वार’ - संसद में बड़ा खुलासा

Edited By Updated: 13 Aug, 2025 09:25 AM

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पाकिस्तान से भारत में होने वाली अवैध तस्करी पर अब सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। जहां मई महीने में भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, वहीं अब ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ के जरिए पाकिस्तान से आने वाले माल की...

नई दिल्ली: पाकिस्तान से भारत में होने वाली अवैध तस्करी पर अब सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। जहां मई महीने में भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, वहीं अब ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ के जरिए पाकिस्तान से आने वाले माल की तस्करी पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। इस अभियान के तहत राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने अब तक 12.04 करोड़ रुपये मूल्य का पाकिस्तान-निर्मित सामान जब्त किया है, जो सीधे पाकिस्तान से नहीं बल्कि तीसरे देशों जैसे UAE के जरिए भारत में दाखिल किया जा रहा था।

क्यों शुरू हुआ ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’?
इस ऑपरेशन की पृष्ठभूमि पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी है, जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से होने वाले सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला कि पाकिस्तान से माल UAE जैसे देशों के जरिये रीरूट होकर अब भी भारत पहुंच रहा है।

इस खतरे को समझते हुए DRI ने एक गुप्त और विस्तृत अभियान की शुरुआत की – जिसे 'ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट' नाम दिया गया। इसका उद्देश्य था उन मालवाहक कंटेनरों की पहचान करना, जो पाकिस्तानी मूल के सामान को छिपाकर तीसरे देश के नाम पर भारत लाने की कोशिश कर रहे थे।

कैसे काम करता है यह तस्करी नेटवर्क?
जांच में जो सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला है:
-माल की पैकिंग और शिपमेंट पाकिस्तान (कराची पोर्ट) से होती है।
-इसके बाद सामान को दुबई (जेबेल अली पोर्ट) ले जाया जाता है, जहां कंटेनर के विवरण और मैनिफेस्ट बदले जाते हैं।
-वहां से वह सामान भारतीय बंदरगाहों तक तीसरे देश के नाम पर पहुंचाया जाता है, ताकि उसकी असली उत्पत्ति को छिपाया जा सके।

अब तक कितनी जब्ती और केस दर्ज?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी दी कि जुलाई 2025 तक इस ऑपरेशन के तहत 5 प्रमुख केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल जब्त माल की कीमत 12.04 करोड़ रुपए आंकी गई है। सभी केसों में सामान संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते भारत में लाया गया था। इसके अलावा, 13 अन्य मामलों में कस्टम विभाग ने 12 लाख रुपए के अवैध आयात को भी रोका है। इन सभी में DGFT (विदेश व्यापार महानिदेशालय) की अधिसूचनाओं और नियमों का उल्लंघन किया गया था।

26 जून की सबसे बड़ी जब्ती
इस ऑपरेशन की अब तक की सबसे बड़ी सफलता 26 जून 2025 को मिली, जब 39 कंटेनरों में 1115 मीट्रिक टन सामान जब्त किया गया। इस माल की कीमत करीब 9 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस मामले में एक आयातक कंपनी के पार्टनर को गिरफ्तार भी किया गया।

क्या था सामान?
हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जब्त किए गए सामान में क्या-क्या था, लेकिन सूत्रों का मानना है कि इसमें प्लास्टिक के सामान, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, सजावटी वस्तुएं और कुछ औद्योगिक उपकरण शामिल थे, जिन्हें पाकिस्तानी मूल का छिपाकर भारत में खपाने की कोशिश की जा रही थी।

सरकार का सख्त संदेश
‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ केवल तस्करी के खिलाफ अभियान नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। सरकार यह साफ संदेश देना चाहती है कि आतंक का समर्थन करने वाले देश के साथ व्यापारिक संबंध नहीं बनाए जाएंगे, चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।

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