Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Dec, 2025 03:32 PM

ब्रिटेन के मैनचेस्टर में हुई केली ऐन बेट्स की क्रूर और जघन्य हत्या की कहानी मानवीय क्रूरता की सारी हदों को पार कर देती है। यह घटना इस बात का जीता जागता सबूत है कि कुछ लोग जानवरों से भी ज़्यादा भयानक हो सकते हैं। ईस्टर संडे की ठंडी सुबह थी जब 48...
इंटरनेशनल डेस्क। ब्रिटेन के मैनचेस्टर में हुई केली ऐन बेट्स की क्रूर और जघन्य हत्या की कहानी मानवीय क्रूरता की सारी हदों को पार कर देती है। यह घटना इस बात का जीता जागता सबूत है कि कुछ लोग जानवरों से भी ज़्यादा भयानक हो सकते हैं। ईस्टर संडे की ठंडी सुबह थी जब 48 वर्षीय जेम्स पैटरसन स्मिथ मैनचेस्टर के एक पुलिस स्टेशन में दाखिल हुआ और सीधे कहा, "मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को मार दिया है।" पुलिस को पहले तो उस पर शक हुआ लेकिन जब वह उन्हें हैटर्सली स्थित अपने घर ले गया तो अंदर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मी भी हिल कर रह गए।
14 साल की मासूम लड़की को बनाया शिकार
जिस लड़की की हत्या की बात स्मिथ कर रहा था वह केवल 14 साल की केली ऐन बेट्स थी। उसकी मुलाकात 48 वर्षीय स्मिथ से तब हुई जब केली अपने दोस्त के घर बच्चों की देखभाल कर रही थी। स्मिथ दिखने में सलीकेदार माना जाता था लेकिन उसकी असली पहचान एक हिंसक, अत्याचारी और विक्षिप्त शख्स की थी।
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1993 में स्मिथ ने धीरे-धीरे केली को अपने झांसे में लेना शुरू किया। 14 साल की केली ने यह रिश्ता अपने माता-पिता से छुपाकर रखा। 1995 में 16 साल की होते ही केली स्कूल छोड़कर स्मिथ के घर रहने चली गई। केली की मां, मार्गरेट बेट्स ने पहली ही मुलाकात में कहा था कि स्मिथ को देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए थे।
महीनों तक दी गई यातना
समय के साथ केली का अपने परिवार से संपर्क कम होता गया। जब भी वह घर आती उसके चेहरे और हाथों पर चोटों के निशान दिखते थे लेकिन वह उन्हें गिरने या रसोई में जलने की बात कहकर टाल देती थी। नवंबर 1995 के बाद केली ने परिवार से मिलना लगभग बंद कर दिया। 16 अप्रैल 1996 को जब पुलिस स्मिथ के घर पहुंची तो ऊपर वाले कमरे का नजारा किसी यातना गृह जैसा था। कमरा खून से लथपथ था और केली ऐन जमीन पर निढाल, टूटी और अंदर तक ज़ख्मी पड़ी थी।
आंखें निकाल ली गईं, शरीर पर 150 से ज़्यादा घाव
पैथोलॉजिस्ट विलियम लॉलर ने कहा, "600 हत्या मामलों में मैंने ऐसा दर्दनाक दृश्य कभी नहीं देखा।" केली के शरीर पर 150 से अधिक चोटें थीं। उसे जलाया गया था, काटा गया था, उसकी आंखें निकाल दी गई थीं, उसके बाल उखाड़े गए थे और उसे भूखा-प्यासा रखा गया था। जांच में पता चला कि उसे कई दिनों तक बांधकर रखा गया था। उसकी मौत का कारण डूबना बताया गया।
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आजीवन कारावास
नवंबर 1997 में जब इस मामले का मुकदमा चला तो प्रॉसीक्यूटर ने अदालत को बताया कि स्मिथ ने जानबूझकर इस मासूम लड़की को प्रताड़ित किया। यह कोई अचानक हुई हिंसा नहीं थी बल्कि सोच-समझकर की गई क्रूरता थी। 49 वर्षीय जेम्स पैटरसन स्मिथ को इस अमानवीय अपराध के लिए आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सज़ा सुनाई गई।