Edited By Radhika,Updated: 21 Nov, 2025 01:53 PM

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने BSF के 61वें स्थापना दिवस समारोह में देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की चुनौतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। राजस्थान के जोधपुर में आयोजित परेड में शामिल होते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने BSF के 61वें स्थापना दिवस समारोह में देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की चुनौतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। राजस्थान के जोधपुर में आयोजित परेड में शामिल होते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता आतंकवाद और नक्सलवाद को जड़ से खत्म करना है।
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को दिया जवाब
गृह मंत्री ने कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और घुसपैठ के खिलाफ अभियान और तेज किए जाएंगे। उन्होंने पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का ज़िक्र किया, जिसमें नागरिकों को धर्म देखकर निशाना बनाया गया था। इसके जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया गया। शाह ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 स्थानों पर उनके पूरे ढांचे को नष्ट कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा में तैनात BSF जवानों ने मोर्चे पर पूरी तैयारी के साथ पाकिस्तान की सेना की हर हरकत का जवाब दिया।
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नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा
शाह ने देश को नक्सल समस्या से मुक्त करने के लिए एक स्पष्ट तारीख तय कर दी है। उन्होंने घोषणा की, "हमारा संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त कर देंगे।" गृह मंत्री ने BSF की सराहना करते हुए कहा कि बल सीमाओं के रास्ते होने वाली ड्रग और हथियार तस्करी पर लगातार चोट कर रहा है। सीमा पर सक्रिय गिरोहों को पकड़ने के लिए अलग से अभियान चलाए गए हैं और बड़ी सफलताएँ मिली हैं।
घुसपैठ रोकने के लिए BSF मिशन में जुटी
शाह ने कहा कि BSF आज देश की सभी सीमाओं पर घुसपैठ को रोकने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम कर रही है। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों पर घुसपैठियों को बाहर निकालने के अभियान को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया, जबकि चुनाव आयोग SIR के माध्यम से इस प्रक्रिया को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने में सहयोग कर रहा है।

BSF जवानों का बलिदान
जोधपुर में आयोजित परेड में शाह ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान BSF कर्मियों के बलिदान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 1992 से लेकर 2024 तक 1,992 से अधिक BSF जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। 2024 तक 1330 कर्मियों को पदक प्रदान किए गए हैं, जिनमें महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र जैसे प्रतिष्ठित सम्मान शामिल हैं।