India-UK FTA: ऐतिहासिक फ्री ट्रेड समझौता, 99% निर्यात पर खत्म होंगे टैरिफ... 34 अरब डॉलर का व्यापार बढ़ने की उम्मीद

Edited By Updated: 30 Jul, 2025 03:26 PM

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भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत भारत के 99% निर्यात और UK के 90% उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) पूरी तरह...

नेशनल डेस्क: भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत भारत के 99% निर्यात और UK के 90% उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UK के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में इस समझौते पर मुहर लगी। इसका अनुमान है कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार 34 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।

भारत की रणनीति में बदलाव
इस समझौते से भारत की नई वैश्विक व्यापार नीति झलकती है। अब भारत रक्षात्मक नीति की बजाय रणनीतिक और व्यावहारिक सोच के साथ व्यापार कर रहा है। इसमें डिजिटल व्यापार, डेटा सुरक्षा, निवेश और विवाद समाधान जैसे आधुनिक कानूनी प्रावधान शामिल हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के वकील गौतम महांति ने कहा, “यह सिर्फ एक व्यापार समझौता नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।”

 कानूनी पारदर्शिता और स्थिरता
इस FTA में ऐसे प्रावधान हैं, जो कानूनी स्पष्टता और निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसमें विवादों को सुलझाने के लिए संवाद आधारित मॉडल अपनाया गया है, न कि अदालतों में लंबी लड़ाई। वरिष्ठ वकील कनिका चुग ने कहा, “यह समझौता डिजिटल ट्रेड, बौद्धिक संपदा और नियामक समन्वय जैसे क्षेत्रों में विस्तृत और आधुनिक प्रतिबद्धताओं को शामिल करता है।”

भारत के छोटे उद्योगों को फायदा
यह समझौता खासतौर पर भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा, आभूषण, कृषि उत्पाद और फार्मा कंपनियों के लिए फायदेमंद है। इससे भारतीय MSMEs को UK जैसे प्रीमियम बाजारों में आसानी से एंट्री मिलेगी।

जनरल दवाओं और IP सुरक्षा में संतुलन
इस समझौते में बौद्धिक संपदा (IPR) पर भी ध्यान दिया गया है। इससे भारत को अपनी जनरल दवाओं की नीति बनाए रखने का मौका मिला, वहीं, इनोवेशन को भी बढ़ावा मिला है। प्रसिद्ध वकील अंकित साहनी के अनुसार, “यह GI उत्पादों जैसे दर्जिलिंग चाय, बासमती चावल, पश्मीना ऊन की वैश्विक पहचान मजबूत करेगा।”

सस्टेनेबल विकास और ऊर्जा सहयोग
हालांकि ऊर्जा को लेकर कोई अलग अध्याय नहीं है, लेकिन समझौते में हरित ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और लो-कार्बन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कानूनी ढांचा तैयार किया गया है।

भारत का ‘मॉडल एफटीए’
भारत अभी EU और US के साथ भी FTA पर बातचीत कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत–UK समझौता भविष्य के समझौतों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। वकील यथार्थ रोहिला ने कहा, “यह समझौता सिर्फ टैरिफ हटाने के बारे में नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर नीति और वैश्विक जिम्मेदारी को संतुलित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।”

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