Edited By Radhika,Updated: 12 Dec, 2025 03:35 PM

डेनमार्क की प्रमुख दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने 12 दिसंबर को अपनी फेमस मधुमेह की दवा ओज़ेम्पिक (Ozempic) को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने 0.25 मिलीग्राम के weekly injection की शुरुआती कीमत ₹2,200 प्रति सप्ताह रखी है। भारत में स्वास्थ्य...
नेशनल डेस्क: डेनमार्क की प्रमुख दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने 12 दिसंबर को अपनी फेमस मधुमेह की दवा ओज़ेम्पिक (Ozempic) को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने 0.25 मिलीग्राम के weekly injection की शुरुआती कीमत ₹2,200 प्रति सप्ताह रखी है। भारत में स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को देखते हुए यह लॉन्च महत्वपूर्ण है। 2024 तक, 20-79 वर्ष की आयु के लगभग 89.8 मिलियन वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं, जिनमें से 43 % (लगभग 38.6 मिलियन) व्यक्ति अज्ञात हैं। ऐसा अनुमान है कि अगर इस मामले में कुछ न किया गया तो संख्या 2050 तक 156.7 मिलियन तक पहुँच सकती है।
ओज़ेम्पिक की लोकप्रियता और प्रभाव
US Food and Drug Administration (FDA) ने 2017 में टाइप 2 मधुमेह के लिए सप्ताह में एक बार लगाए जाने वाले ओज़ेम्पिक इंजेक्शन को मंज़ूरी दी थी। यह दवा Semaglutide नामक सक्रिय तत्व पर आधारित है और यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में से एक बन गई है। इसकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण इसका भूख कम करने वाला प्रभाव भी है, जिसके चलते कुछ लोग इसका उपयोग वजन घटाने के लिए भी कर रहे हैं। नोवो नॉर्डिस्क की ही एक और दवा वेगोवी (Wegovy), जिसमें ओज़ेम्पिक के समान सेमाग्लूटाइड होता है को विशेष रूप से वजन घटाने के लिए मंज़ूरी मिली हुई है।
नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के प्रबंध निदेशक विक्रांत श्रोत्रिया ने बताया कि ओज़ेम्पिक HbA1c (मधुमेह नियंत्रण का माप) को 2.8 % तक कम करने में प्रभावी है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक बार इंजेक्शन लेने से मरीज़ वजन घटाने के साथ-साथ मधुमेह का स्तर प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं, जिससे दैनिक इंसुलिन इंजेक्शन की ज़रूरत कम होती है।

कीमत और उपलब्धता की रणनीति
इंसुलिन के बराबर कीमत: नोवो नॉर्डिस्क ने ओज़ेम्पिक को 3 पैक ऑप्शन 0.25 मिलीग्राम, 0.5 मिलीग्राम और 1 मिलीग्राम में पेश किया है। इसके चलते इसकी कीमत भारत में इंसुलिन के बराबर हो गई है। 1 मिलीग्राम की खुराक की मासिक कीमत ₹10,000 से ₹20,000 के बीच है।
किफायती बनाने का निर्णय: श्रोत्रिया ने कहा कि इस कीमत पर दवा उपलब्ध कराना एक कठिन लेकिन जानबूझकर लिया गया निर्णय था। कंपनी का उद्देश्य भारत में इसकी सुलभता सुनिश्चित करना है, ताकि अधिक से अधिक मरीज़ डॉक्टर की सलाह से इसका उपयोग कर सकें।
बाज़ार में कड़ी प्रतिस्पर्धा
भारत के बढ़ते मधुमेह और वजन घटाने की दवाओं के बाजार में नोवो नॉर्डिस्क को एली लिली (Eli Lilly) की दवा मौनजारो (Mounjaro) जैसी प्रतिद्वंद्वी दवाओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। मौनजारो ने अक्टूबर में वेगोवी को सेल में पीछे छोड़ दिया था। प्रतिस्पर्धा को देखते हुए नोवो नॉर्डिस्क ने नवंबर में वेगोवी की भारतीय कीमत में 37% तक की कमी की। यह कदम मार्च 2026 में सेमाग्लूटाइड के पेटेंट की समय सीमा समाप्त होने से पहले उठाया गया है, जिसके बाद जेनेरिक दवा निर्माता बाज़ार में प्रवेश कर सकेंगे। विश्लेषकों का अनुमान है कि यह बाज़ार इस दशक के अंत तक सालाना $150 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा।