ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान- जर्मनी को पीछे छोड़कर 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

Edited By Updated: 20 Dec, 2025 04:46 PM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की टिकाऊ नीतियों और बड़े संस्थागत सुधारों की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को भरोसा जताया कि भारत वर्ष 2027 के अंत तक जर्मनी को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की टिकाऊ नीतियों और बड़े संस्थागत सुधारों की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को भरोसा जताया कि भारत वर्ष 2027 के अंत तक जर्मनी को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सिंधिया, ‘यंग आंतरप्रेन्योर्स फोरम भारत' की इंदौर में आयोजित ‘वाईईएफ भारत समिट 2025' को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘भारत कभी सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता था। 2,000 साल पहले विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारत की हिस्सेदारी 20 फीसदी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत इसी दृष्टिकोण से आगे बढ़ेगा और विश्व पटल पर नक्षत्र के रूप में उभरेगा।'' सिंधिया ने कहा,‘‘भारत 12 साल पहले विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।

भारत जापान को पीछे छोड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर चुका है। 2027 के अंत तक हम जर्मनी को भी पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।" केंद्रीय मंत्री ने ब्रिटेन का नाम लिए बगैर कहा कि जिस देश ने भारत पर 200 साल तक राज किया, उस देश को भारत आर्थिक विकास की दौड़ में पहले ही पीछे छोड़ चुका है। सिंधिया ने जोर देकर कहा कि भारत की अडिगता देश को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा,‘‘इस अडिगता ने भारत को 2.3 हजार अरब डॉलर की जीडीपी वाले देश से 4.5 हजार अरब डॉलर की जीडीपी वाले देश में बदल दिया है।'' उन्होंने कहा कि मोदी की अगुवाई वाली सरकार की टिकाऊ नीतियों और बड़े संस्थागत सुधारों की बदौलत देश विनिर्माण का बड़ा वैश्विक केंद्र की दिशा में अग्रसर है।

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सिंधिया ने कहा,‘‘हर कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री हम मंत्रियों को निर्देश देते हैं कि औपनिवेशिक कानूनों को कचरे के डिब्बे में डाल दिया जाए। वह हमें कहते हैं कि कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों से चर्चा की जाए और उनकी कठिनाइयों का निवारण किया जाए।'' मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, देश का सबसे तेज गति से बढ़ने वाला राज्य बनकर उभरा है। यादव ने सम्मेलन में बड़ी तादाद में मौजूद नव उद्यमियों से आह्वान किया कि वे नवाचार, स्पष्ट सोच और सामाजिक दायित्व के साथ आगे बढ़ें तथा सूबे में अधिकाधिक निवेश करें।

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए अनुकूल वातावरण, संसाधन और सुविधाएं हैं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग देगी।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहली बार उद्योग विभाग को सीधे मुख्यमंत्री स्तर पर प्राथमिकता दी है ताकि निर्णय तेजी से हों और निवेशकों का विश्वास मजबूत हो। यादव ने कहा कि उद्योगों से जीवन संवारने की स्पष्ट नीति के साथ राज्य में नया संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।'' यादव ने यह भी बताया कि भोपाल में फरवरी के दौरान आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 32 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे जिनमें से छह लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं की नींव रखी जा चुकी है।

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