Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2025 03:21 PM

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आज भारत की पहचान उसकी प्रतिभा और कौशल से बन रही है। वैश्वीकरण के दौर में भारतीय कार्यबल, तकनीकी दक्षता और मजबूत कार्य संस्कृति ने देश की वैश्विक छवि को सशक्त किया है, जिससे भारत का राष्ट्रीय ब्रांड मजबूत हुआ है।
International Desk: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि आज भारत की पहचान उसकी प्रतिभा और कौशल से तय हो रही है, जिसने देश के राष्ट्रीय ब्रांड को वैश्विक स्तर पर मजबूती दी है। वह पुणे स्थित सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड) यूनिवर्सिटी के 22वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में भारतीय प्रतिभा ने दुनिया भर की मांगों को पूरा किया है। उन्होंने बताया कि विदेश यात्राओं के दौरान उन्हें भारतीय डायस्पोरा की निरंतर प्रशंसा सुनने को मिलती है।
दुनिया की नजर में बदली भारत की छवि
विदेश मंत्री ने कहा, “भारत को लेकर पुराने स्टीरियोटाइप्स अब पीछे छूटते जा रहे हैं। यह बदलाव किसी धारणा पर नहीं, बल्कि ठोस आंकड़ों पर आधारित है।” उन्होंने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की बढ़ती संख्या, विदेशों में भारतीय कौशल की बढ़ती मांग और व्यक्तिगत सफलताओं को भारत की बदली हुई छवि का प्रमाण बताया।जयशंकर के अनुसार, “आज दुनिया भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखती है जहां लोग मजबूत कार्य संस्कृति रखते हैं, तकनीक में दक्ष हैं और पारिवारिक मूल्यों को महत्व देते हैं।” उन्होंने कहा कि भारत को अब पहले से कहीं ज्यादा गंभीरता और सकारात्मक नजरिए से देखा जा रहा है।
दुनिया में एक बड़ी भूमिका निभाने की ओर भारत
विदेश मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि मेक इन इंडिया को और मजबूत करना होगा। डिज़ाइन इन इंडिया, रिसर्च इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया और डिलीवर फ्रॉम इंडिया पर फोकस जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत इन प्रयासों में सफल नहीं होता, तो वह सिर्फ दूसरों का बाजार बनकर रह जाएगा। जयशंकर ने 40 से अधिक देशों से आए स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें वैश्विक कार्यस्थल में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में एक बड़ी भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है और युवा इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं।