MCD का नया कदम: प्रॉपर्टी ID अब आधार से होगी लिंक...ड्रोन से होगी अवैध निर्माण की निगरानी

Edited By Updated: 06 Dec, 2025 08:46 AM

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दिल्ली नगर निगम (MCD) ने संपत्ति कर संग्रह और निगरानी प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब एमसीडी यूनिक संपत्ति पहचान कोड (UPIC) को आधार कार्ड से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए निगम प्रशासन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) से...

नेशनल डेस्क: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने संपत्ति कर संग्रह और निगरानी प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब एमसीडी यूनिक संपत्ति पहचान कोड (यूपीआईसी) को आधार कार्ड से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए निगम प्रशासन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से मंजूरी मिल गई है। इस कदम का उद्देश्य है कि करदाता अपने आधार नंबर के जरिए आसानी से निगम की वेबसाइट पर संपत्ति कर का भुगतान कर सकें और डिजिटल प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

संपत्ति सर्वे और कर अनुपालन में कड़ाई

MCD इस नई व्यवस्था के साथ दिल्ली भर में संपत्ति सर्वे भी शुरू करेगा। इसका मकसद है:-

नियमों के अनुसार:

  • यदि संपत्ति में मालिक स्वयं रहते हैं, तो उन्हें यूज फैक्टर 1 के हिसाब से कर देना होगा।

  • यदि संपत्ति किराए पर दी गई है, तो यूज फैक्टर 2 के हिसाब से कर भुगतान अनिवार्य होगा।

इस व्यवस्था से एमसीडी कर उल्लंघनकर्ताओं पर न केवल नजर रख सकेगा, बल्कि समय पर कार्रवाई भी सुनिश्चित करेगा।

MCD के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट

संपत्ति कर सुधारों के साथ एमसीडी ने नए वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स की भी घोषणा की है:

  1. नरेला-बवाना वेस्ट टू एनर्जी प्लांट – 3,000 मीट्रिक टन प्रति दिन कचरे को रिसाइकिल करने की क्षमता वाला संयंत्र बनाया जाएगा।

  2. ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट – क्षमता बढ़ाकर 1,950 से 2,950 मीट्रिक टन प्रतिदिन किया जाएगा, इसके लिए सरकार से 50 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिली है।

  3. गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट – 2,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता वाले नए संयंत्र के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

  4. कचरा निस्तारण योजना – दिल्ली में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 5,100 मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण के लिए भलस्वा लैंडफिल साइट, सिंघोला, ओखला और बवाना में संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

नई डिजिटल पहल और पर्यावरण सुधार का संगम

MCD का यह कदम न केवल कर संग्रह में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि कचरे के प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी सुधार करेगा। आधार-यूपीआईसी लिंकिंग से करदाता डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आसानी से भुगतान कर सकेंगे और कागजी कार्रवाई कम होगी। साथ ही, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से कचरे को ऊर्जा में बदलकर पर्यावरण पर सकारात्मक असर डाला जा सकेगा।

 

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