Edited By Yaspal,Updated: 05 Jan, 2024 05:28 PM

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का सभी को बेसब्री से इंतजार है। 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस बीच राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को उद्घाटन समारोह में शामिल होने का...
नेशनल डेस्कः अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का सभी को बेसब्री से इंतजार है। 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस बीच राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। ये न्योता श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दिया गया है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में वादी रहे इकबाल अंसारी को शुक्रवार को 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता मिला। उनकी बेटी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आमंत्रण पत्र रामपथ के नजदीक कोटिया पंजीटोला स्थित अंसारी के आवास पर प्राप्त हुआ। बेटी शमा परवीन ने कहा, ‘‘आज दिन में मेरे पिता को (प्राण प्रतिष्ठा समारोह का) न्योता मिला।''
इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के प्रमुख समर्थक रहे हैं। ट्रस्ट की ओर से 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमिपूजन समारोह में शामिल होने के लिए भी उन्हें न्योता भेजा गया था। अभी हाल ही में 30 दिसंबर को पीएम मोदी ने अयोध्या का दौरा किया था। इस दौरान अंसारी ने कतार में खड़े होकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया था और उनके ऊपर फूल बरसाए थे।
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राम मंदिर पर 9 नवंबर 2019 को आया था फैसला
पीएम मोदी के रोड शो के दौरान जब काफिला पांजी टोला इलाके से गुजरा तो इकबाल ने कहा था कि मोदी हमारे यहां आए हैं। वह हमारे मेहमान हैं और हमारे प्रधानमंत्री हैं। इकबाल अंसारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अयोध्या की तस्वीर बदल गई है। शहर में जमकर विकास कार्य कराए गए हैं। वहीं, रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद इकबाल अंसारी ने देश के मुसलमानों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सम्मान देने की अपील की थी। इकबाल के अपील के बाद देश भर में शांति से फैसले को स्वीकार किया गया था।
भूमि विवाद मामले में इकबाल के पिता हाशिम अंसारी सबसे उम्रदराज वादी थे। उनका निधन 95 साल की उम्र में साल 2016 में हो गया था। इसके बाद कोर्ट में मामले को इकबाल ने आगे बढ़ाया था। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर अपना फैसला सुनाया था। साथ ही साथ एक सरकारी ट्रस्ट गठित कर राम मंदिर के निर्माण करने के लिए कहा था। इसके अलावा एक मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ का भूखंड खोजने के लिए कहा था।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे 7000 मेहमान
22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। समारोह में क्रिकेटर, बॉलीवुड स्टार्स, साधु-संत समेत 7,000 से अधिक मेहमान मौजूद रहेंगे। पारंपरिक नागर शैली में निर्मित राम मंदिर परिसर की लंबाई 380 फीट (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई होगी। मंदिर की हर मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।