केजरीवाल और कीर्ति आजाद के जवाबों पर गौर न करे उच्च न्यायालय : DDCA

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2017 02:59 PM

kejriwal and kirti azad does not consider responses to the high court  ddca

डीडीसीए ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह संस्था की मानहानि करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली : डीडीसीए ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह संस्था की मानहानि करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और क्रिकेटर से सांसद बने कीर्ति आजाद पर ठोके गए अढ़ाई-अढ़ाई करोड़ रुपए के मुआवजे के मामले में इन दोनों की ओर से दायर जवाबों पर गौर न करे। दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन ने संस्था के कामकाज और वित्त प्रबंधन को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक आलोचना किए जाने के चलते केजरीवाल और भाजपा के निलंबित सांसद आजाद पर मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। डीडीसीए ने इन दोनों नेताओं के लिखित जवाबों पर गौर न करने का अनुरोध करने के साथ-साथ अदालत को यह भी बताया कि केजरीवाल ने जवाब दायर करने में 16 दिन की देरी की जबकि आजाद ने तय समय के लगभग 70 दिन बाद जवाब दायर किया।

उच्च न्यायालय के संयुक्त पंजीयक अनिल कुमार सिसोदिया ने जवाबों पर गौर किए जाने या न किए जाने के इस मुद्दे पर फैसले को 3 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया है। मानहानि मामले में लिखित जवाब दायर करने में हुई देरी के लिए केजरीवाल और आजाद ने माफी मांगते हुए अलग-अलग आवेदन दाखिल किए हैं।  केजरीवाल के वकील ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री व्यस्त थे इसलिए उनकी ओर से जवाब दाखिल करने में हुई देरी को माफ किया जाना चाहिए। आजाद के वकील ने कहा कि सांसद संसद सत्र में व्यस्त थे इसलिए जवाब दायर करने में उनकी ओर से हुई देरी को क्षमा कर इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।

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