ED का दावा, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आबकारी घोटाले में मुख्यमंत्री होने का फायदा उठाया

Edited By Parveen Kumar,Updated: 22 Mar, 2024 11:25 PM

kejriwal took advantage of being chief minister in excise scam

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दावा किया कि कथित आबकारी घोटाला मामले में अपराध से अर्जित कमाई की ‘‘बड़ी लाभार्थी'' रही आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा धनशोधन कराए जाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने स्वयं के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर होने का फायदा...

नेशनल डेस्क : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दावा किया कि कथित आबकारी घोटाला मामले में अपराध से अर्जित कमाई की ‘‘बड़ी लाभार्थी'' रही आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा धनशोधन कराए जाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने स्वयं के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर होने का फायदा उठाया। संघीय एजेंसी ने उनकी हिरासत मांगते हुए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गठित विशेष अदालत से कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों के साथ सांठगांठ करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षड्यंत्रकारी हैं।'' अदालत ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने अपने रिमांड पत्र में दावा किया, ‘‘अरविंद केजरीवाल कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश रचने में संलिप्त थे और वह इन्हें इस नीति के जरिये फायदा पहुंचाने के एवज में शराब कारोबारियों से रिश्वत की मांग करने में शामिल रहे।'' भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी केजरीवाल (55) को ईडी ने बृहस्पतिवार रात, धन शोधन रोधी कानून के तहत दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था।

ईडी का आरोप है कि केजरीवाल (2022) में आप के गोवा चुनाव प्रचार अभियान में अपराध से अर्जित धन के इस्तेमाल में सीधे तौर पर शामिल थे और वह पार्टी के संयोजक एवं उसमें निर्णय लेने वाले शीर्ष व्यक्ति हैं। एजेंसी ने अदालत को बताया कि इसने गोवा चुनावों के दौरान आप की चुनाव प्रचार गतिविधियों से जुड़े विभिन्न लोगों के बयान दर्ज किए और यह पाया गया कि सर्वे कर्मी, क्षेत्र प्रबंधक, विधानसभा प्रबंधक जैसे काम के लिए उन्हें नकद भुगतान किया गया था।

ईडी ने कहा, ‘‘ये लोग और चुनाव प्रचार से जुड़ी गतिविधियां पूरी तरह से विजय नायर (मामले में गिरफ्तार आप के पूर्व संचार प्रमुख) और आप विधायक दुर्गेश पाठक ने प्रबंधित किये थे।'' एजेंसी दावा किया कि इन आरोपों का गोवा चुनाव (2022) के लिए आप के एक उम्मीदवार ने भी समर्थन किया, जिन्होंने कहा कि उन्हें राज्य में आप के स्वयंसेवकों से चुनावी खर्च के रूप में नकद राशि मिली थी।

इन पैसों का इस्तेमाल चुनाव में किया गया

ईडी ने करीब दो साल पुराने मामले में पहली बार कहा है कि आप दिल्ली आबकारी घोटाले में अपराध से अर्जित धन की बड़ी लाभार्थी थी। इसने आरोप लगाया कि अपराध से अर्जित धन के एक हिस्से के रूप में प्राप्त हुए करीब 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आप ने गोवा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने में किया। एजेंसी ने दावा किया कि यह रकम चार अंगड़िया प्रणाली के जरिये गोवा भेजी गई। अंगड़िया नेटवर्क एक स्थान से दूसरे स्थान पर भारी मात्रा में नकदी ले जाने का काम करता है। ईडी ने कहा, ‘‘इस तरीके से आप ने अरविंद केजरीवाल के जरिये धन शोधन का अपराध किया और इसतरह अपराधों को पीएमएलए की धारा 70 के तहत माना गया है।''

एजेंसी ने कहा है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में, केजरीवाल ‘‘चुनाव खर्चों में इस्तेमाल किए जाने वाले धन के लिए अंततः जिम्मेदार थे।'' ईडी ने कहा कि उसने पिछले साल आप के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एन डी गुप्ता का बयान दर्ज किया था, जिन्होंने एजेंसी को बताया था कि केजरीवाल पार्टी के समग्र प्रभारी हैं, लेकिन चुनाव खर्च तय करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी या राजनीतिक मामलों की समिति की कोई मंजूरी नहीं ली जाती है। इसने आरोप लगाया कि केजरीवाल आप की बड़ी गतिविधियों को संचालित करते हैं।

जानबूझकर सच्चाई का खुलासा नहीं किया

ईडी ने कहा कि रिश्वत कथित तौर पर ‘साउथ ग्रुप' के सदस्यों द्वारा जुटाई गई थी, जिसमें गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता और कुछ अन्य शामिल थे, और इसका एक हिस्सा आप के गोवा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया था। एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल ने मामले की जांच में शामिल होने के लिए उन्हें जारी किए गए नौ समन की ‘जानबूझकर अवज्ञा' की और जब एक दिन पहले पीएमएलए के तहत उनका बयान दर्ज किया गया, तो उन्होंने सच्चाई का खुलासा नहीं किया।

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। हालांकि, इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके एवज में उन्होंने आप को रिश्वत दी।

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