Edited By Radhika,Updated: 23 Sep, 2025 11:23 AM

रिसर्च के मुताबिक नींद की कमी का असर दिमाग पर शराब से भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है। शराब का प्रभाव कुछ समय के लिए होता है, वहीं लगातार कम नींद लेने से फोकस करने की क्षमता, याददाश्त और मूड पर स्थायी नकारात्मक असर पड़ता है। अच्छी नींद लेने के लिए हर...
नेशनल डेस्क: नींद को हमेशा से ही बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि नींद की कमी हमारी सेहत के लिए कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकती है। हाल ही में हुई कुछ रिसर्चों ने इस बात को और भी पुख्ता कर दिया है कि नींद की कमी का हमारे दिमाग पर पड़ने वाला असर शराब के प्रभाव से भी कहीं ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।

शराब से भी ज़्यादा खतरनाक है नींद की कमी!
शराब पीने से हमारा दिमाग कुछ समय के लिए सुन्न हो जाता है और इसका असर अक्सर अस्थायी होता है, लेकिन नींद की कमी का मामला बिल्कुल अलग है। लगातार कम नींद लेने से हमारे दिमाग और शरीर पर लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। यह सिर्फ थकान या आलस तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि हमारी मानसिक और शारीरिक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है।
लगातार नींद की कमी से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घटती है, याददाश्त कमजोर होती है और हमारे मूड स्विंग भी होते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है, जबकि शराब का नशा उतरने के बाद दिमाग फिर से सामान्य होने लगता है।

दिमाग को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?
नींद की कमी के गंभीर प्रभावों से बचने के लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं:
- नियमित सोने का समय: कोशिश करें कि हर दिन एक ही समय पर सोएं और एक ही समय पर जागें। यह आपके शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक को ठीक रखने में मदद करता है।
- पर्याप्त नींद लें: विशेषज्ञों का मानना है कि हर व्यक्ति को कम से कम 7 घंटे की गहरी और लगातार नींद लेनी चाहिए। इससे दिमाग और शरीर को पूरी तरह से आराम मिलता है।
- रात 9 बजे से सुबह 4 बजे का समय: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक का समय सोने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान हमारा शरीर सबसे अच्छी तरह से रिकवर होता है।
नींद केवल थकान दूर करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह हमारे दिमाग और शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक बहुत ही ज़रूरी निवेश है। इसे प्राथमिकता देना ही सबसे समझदारी है।