Edited By vasudha,Updated: 30 Jul, 2021 09:45 AM
हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति में बादल फटने और भारी बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन होने से 144 पर्यटक और स्थानिय लोगों समेत 204 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। मौसम खराब होने के कारण राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से मदद लेने की योजना बनायी जा रही है। जिले में...
नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति में बादल फटने और भारी बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन होने से 144 पर्यटक और स्थानिय लोगों समेत 204 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। मौसम खराब होने के कारण राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से मदद लेने की योजना बनायी जा रही है। जिले में कई रास्ते एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गये, जिनके फिलहाल ठीक होने की कोई संभावना नहीं है। लोगों को एक मंदिर में ठहराया गया है और उन्हें पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है।
- हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति में भूस्खलन होने के बाद फंसे 144 पर्यटक
- पट्टन घाटी में फंसे थे 204 लोग, जिनमें से 60 को निकाला बाहर
- फंसे हुए लोगों को ठहराया गया एक मंदिर में
- त्रिलोकीनाथ में 100 से अधिक और फूदान के गांवों में फंसे हैं 35 से अधिक पर्यटक
- लोगों को निकालने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर का मांगा सहयोग
- खराब मौसम के कारण जिले में कई रास्ते एवं पुल क्षतिग्रस्त
- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भी बादल फटने के बाद बचाव अभियान तेज
- वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों तक पहुंचाया जा रहा खाना
लाहौल घाटी के झलमान, शांसा और थिरोट क्षेत्रों में बादल फटने के कारण त्रिलोकीनाथ में 100 से अधिक और फूदान के गांवों में 35 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। 72 लोग त्रिलोकीनाथ में फंसे हैं जिनमें 57 कुल्लू के, पंजाब और मंडी के सात-सात तथा होशियारपुर के पांच एवं संगरूर के दो लोग हैं। वहीं खराब मौसम के बाद भी वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना से प्रभावित किश्तवाड़ जिले में बचाव एवं राहत सामग्री के साथ हेलीकॉप्टरों के आठ चक्कर लगवाये और लापता 20 लोगों का पता लगाने के अभियान को तेज किया गया।
दचन तहसील के सुदूर होंजर गांव में बुधवार तड़के बादल फटने की घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य व्यक्ति जख्मी हो गए। इस घटना में 21 घर, एक राशन भंडार, एक पुल, एक मस्जिद और गायों के लिए बनी 21 शेड भी क्षतिग्रस्त हो गई। जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों-- जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर से एक एक, का राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की संयुक्त टीमों को पहुंचाने में इस्तेमाल किया गया। हेलीकॉप्टरों ने आठ फेरे लगाये और 2250 किलोग्राम राहत सामग्री, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के 44 कर्मियों, चार चिकित्सा सहायकों को पहुंचाया तथा गंभीर हालत के दो मरीजों को विशेष इलाज के लिए सोंदार से किश्तवाड़ पहुंचाया।