Maharashtra Marathwada Flood: भारी बारिश और बाढ़ से मचा कोहराम, 3 दिनों की छुट्टी घोषित, 4 की हुई मौत

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 01:57 PM

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महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और पश्चिमी जिलों में भारी मॉनसून बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। धाराशिव, बीड, सोलापुर सहित कई जिलों में 18 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें जलमग्न हो गई हैं। चार लोगों की मौत हुई है, 76 मकान ध्वस्त और 70 से अधिक...

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के कई जिलों में मॉनसून की मार लगातार जारी है। पहाड़ी से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां मूसलाधार वर्षा और बादल फटने जैसी घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। इन विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार, 23 सितंबर को कई जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है।

18 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें प्रभावित
प्राप्त जानकारी के अनुसार, धाराशिव, बीड और सोलापुर जिलों में भारी वर्षा और बाढ़ जैसे हालात के कारण सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। धाराशिव में स्थिति सबसे चिंताजनक है, जहां लगातार बारिश से चारों ओर जल ही जल नजर आ रहा है। मराठवाड़ा क्षेत्र में 18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

76 मकान ध्वस्त, सड़कें-पुल क्षतिग्रस्त
मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में खेत-खलिहान पूरी तरह डूब गए हैं। फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क कट गया है और घरों में पानी घुस आया है। लातूर, बीड, धाराशिव, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी तथा हिंगोली जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं। छह सड़कों और पांच पुलों को गंभीर क्षति पहुंची है, जबकि 76 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं। छत्रपति संभाजीनगर के एक स्कूल को भी भारी नुकसान हुआ है।

70 से अधिक पशुओं की मौत
पिछले दो दिनों की भारी बारिश से मराठवाड़ा में चार लोगों की मौत हो चुकी है। लातूर और नांदेड़ में बिजली गिरने से दो व्यक्तियों की जान गई, जबकि लातूर में एक व्यक्ति बाढ़ के तेज बहाव में बह गया। धाराशिव में भी एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, किसानों को फसलों के नुकसान के साथ-साथ पशुओं की मौत का भी दोहरा आघात लगा है। 70 से अधिक पशुओं की मौत दर्ज की गई है, जिनमें धाराशिव में 21 और बीड में 16 पशु शामिल हैं।

हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन, एनडीआरएफ तैनात
प्रशासन ने बचाव और राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर अंजाम दिया है। बीड में 70 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि 228 लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। जालना में अग्निशमन दल, बीड में नगर निगम की टीमें और धाराशिव में सेना व प्रशासनिक दलों ने राहत कार्य संभाल लिया है। माधा तालुका के रिधोरी गांव में बाढ़ में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित निकाला गया, साथ ही 28 अन्य को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया गया। बीड जिले में एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।

धाराशिव जिले के परंडा तालुका में बाढ़ प्रभावित ढगपिंपरी और वडनेर गांवों से लोगों को बचाने के लिए सेना को बुलाया गया। शाम तक हेलिकॉप्टर के जरिए 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन करीब 150 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। इसी तालुका में घर में घुस आए पानी से 70 वर्षीय देवांगनाबाई वारे की मौत हो गई।

डिप्टी सीएम अजित पवार ने की समीक्षा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद सुनील तटकरे ने बताया कि उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार सुबह से मराठवाड़ा और वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों के संपर्क में हैं। उन्होंने आज सुबह आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से बैठक कर स्थिति की गहन समीक्षा की। तटकरे के अनुसार, पवार कल सोलापुर, धाराशिव और बीड जिलों का दौरा कर सकते हैं।

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