Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Dec, 2020 07:41 PM
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और केंद्र सरकार के बीच लड़ाई बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। बीते दिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए जानलेवा हमले पर केंद्रीय गृहमंत्रालय मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को दिल्ली...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और केंद्र सरकार के बीच लड़ाई बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। बीते दिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए जानलेवा हमले पर केंद्रीय गृहमंत्रालय मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को दिल्ली तलब किया था। लेकिन ममता सरकार ने दोनों अधिकारियों को दिल्ली नहीं भेजने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी 14 दिसंबर को दिल्ली नहीं जाएंगे।
मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें 14 दिसंबर को राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है। नड्डा के काफिले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों द्वारा हमले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को 14 दिसंबर को तलब किया गया है।
बंदोपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है, ‘पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को जेड-श्रेणी की सुरक्षा वाले व्यक्ति के संबंध में घटनाओं समेत राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को दिन में सवा 12 बजे आपके कक्ष में बुलाया गया था।' नड्डा के काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य पूरी गंभीरता के साथ मुद्दे का समाधान कर रहा है।
उन्होंने दो पन्ने के अपने पत्र में कहा है, ‘राज्य सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगायी जा रही है और यह तैयार की जा रही है, ऐसी परिस्थिति में मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है कि कि राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करें।'