मायावती का राजनीतिक भाव बढ़ा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 11:27 AM

mayawati political values increase

बसपा प्रमुख मायावती ने संकेत दिया है कि वह न तो फूलपुर लोकसभा सीट का उप-चुनाव लड़ेंगी और न ही राज्यसभा सीट के लिए मनोनीत होंगी। लोकसभा सीट के उप-चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कभी भी कर सकता है। राज्यसभा सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव अप्रैल में होना है।...

नेशनल डेस्कः बसपा प्रमुख मायावती ने संकेत दिया है कि वह न तो फूलपुर लोकसभा सीट का उप-चुनाव लड़ेंगी और न ही राज्यसभा सीट के लिए मनोनीत होंगी। लोकसभा सीट के उप-चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कभी भी कर सकता है। राज्यसभा सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव अप्रैल में होना है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बसपा के पास संदेश भेजा है कि ‘बहनजी लोकसभा की सीट से एक सांझे विपक्षी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ें। यह सीट भाजपा सांसद केशव प्रसाद मौर्या के उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई थी।’ मायावती ने इसका जवाब नहीं दिया। मगर उनके पार्टी सूत्रों का कहना है कि विपक्षी एकता एक समय का मामला नहीं बन सकता।

दूसरा कारण यह कि वह उप-चुनाव नहीं लडऩा चाहतीं। राज्यसभा सीट संबंधी मायावती ने कहा कि उन्होंने दलितों के अधिकारों की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया था। इसलिए ऊपरी सदन में वापस जाने से दलितों को गलत संदेश मिलेगा। वह इन चुनावों से दूर रहेंगी। सम्भवत: मायावती अपनी ठोस शर्तें मनवाना चाहती हैं। मायावती ने इस संबंधी कोई संकेत नहीं दिया कि क्या उनकी पार्टी फूलपुर और गौरखपुर उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी को समर्थन देगी। ऐसी सम्भावना है कि वह राज्यसभा में बसपा उम्मीदवार के लिए सपा और कांग्रेस के सरप्लस मत प्राप्त करना चाहती हैं।

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