मीत हेयर ने मानदेय को बढ़ाने का मुद्दा उठाया

Edited By Updated: 15 Dec, 2025 09:07 PM

meet hair raised the issue of increasing the honorarium

मीत हेयर ने मानदेय को बढ़ाने का मुद्दा उठाया


चंडीगढ़, 15 दिसंबर (अर्चना सेठी) संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में सप्लीमेंट्री मांगों पर चर्चा के दौरान कई ज्वलंत मुद्दे उठाए और अनुदान की मांग की।

मीत हेयर ने आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को स्थायी करने के साथ-साथ उन्हें मिलने वाले बेहद कम मानदेय को बढ़ाने, पंजाब को बाढ़ के लिए घोषित 1600 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ वास्तविक नुकसान की भरपाई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये देने की मांग उठाई। जनगणना न होने के कारण बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नए राशन कार्ड तुरंत बनाने की भी मांग की। खेलों में जारी होने वाले अनुदानों में राज्यों के खेल प्रदर्शन को आधार बनाने की बात कही।

मीत हेयर ने विकसित भारत के मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि भुखमरी सूचकांक में भारत 123 देशों में से 102वें स्थान पर है। बच्चों के पालन-पोषण में आंगनवाड़ी वर्कर सबसे अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन उनका शोषण किया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से वर्कर को मात्र 4500 रुपये और हेल्पर को 2250 रुपये दिए जाते हैं। सरकार उनके मानदेय बढ़ाकर स्थायी वेतन निर्धारित करे और उन्हें नियमित करे।

आम आदमी पार्टी के सांसद ने पंजाब में आई भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब को करीब 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है और बुनियादी ढांचा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये के बाढ़ पैकेज की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं मिला। केंद्र सरकार बाढ़ के घोषित पैकेज के साथ 20 हजार करोड़ रुपये तुरंत जारी करे।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए राशन कार्डों की कम संख्या का मुद्दा उठाते हुए मीत हेयर ने कहा कि कोविड के कारण 2021 में जनगणना नहीं हो सकी और आने वाले समय में भी इसकी कोई संभावना नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में 14145000 राशन कार्ड बने हैं, जबकि आबादी में हुई वृद्धि को देखते हुए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या भी बढ़ गई है। इसलिए पंजाब में राशन कार्डों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।

खेल अनुदानों में पंजाब के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा उठाते हुए मीत हेयर ने कहा कि खेलो इंडिया की ग्रांटों में पंजाब को नजरअंदाज किया गया, जबकि 2024 में गुजरात को करोड़ों रुपये दिए गए। 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों में गुजरात ने कोई पदक नहीं जीता, जबकि पंजाब के 8 खिलाड़ियों ने हॉकी में पदक जीता। उन्होंने कहा कि पंजाब में संसारपुर जैसे गांव भी हैं, जहां से एक ही गांव ने कई पदक विजेता खिलाड़ी पैदा किए हैं। उन्होंने मांग की कि खेलों में अनुदान राज्यों को उनके खेल प्रदर्शन के अनुसार दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस बार सप्लीमेंट्री ग्रांटों में खेलों के लिए कोई मांग नहीं की।

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