Edited By Mansa Devi,Updated: 07 Jun, 2025 05:57 PM
GST रिटर्न फाइलिंग के लिए तय नई तीन साल की सीमा के साथ करदाताओं को अपनी जिम्मेदारियों को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। इससे न केवल उनके ऊपर लगने वाली देरी की पेनल्टी से बचाव होगा, बल्कि GST प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन भी बढ़ेगा। करदाता यदि समय...
नेशनल डेस्क: गुड्स एंड सर्विस टैक्स रिटर्न फाइलिंग को लेकर एक अहम बदलाव सामने आया है। जो टैक्सपेयर अब तक अपने तीन साल पुराने GST रिटर्न जमा नहीं कर पाए हैं, वे जुलाई 2025 से अपने पुराने रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे। GST नेटवर्क (GSTN) ने इस संदर्भ में शनिवार को एक आधिकारिक परामर्श जारी किया है, जिसमें इस नियम को स्पष्ट किया गया है। वित्त अधिनियम 2023 के तहत यह नियम प्रभावी किया गया है, ताकि टैक्स सिस्टम में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
तीन साल पुरानी रिटर्न फाइलिंग पर प्रतिबंध
GSTN ने बताया है कि अब मासिक और वार्षिक रिटर्न जैसे जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-7, जीएसटीआर-8 और जीएसटीआर-9 सहित सभी प्रकार के रिटर्न की फाइलिंग की ड्यू डेट से तीन साल की सीमा तय कर दी गई है। इसका मतलब है कि कोई भी करदाता तीन साल से अधिक पुरानी GST रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा। यह नियम जुलाई, 2025 की टैक्स अवधि से लागू होगा, यानी अगस्त 2025 से तीन साल से अधिक पुरानी रिटर्न दाखिल नहीं हो सकेगी।
टैक्सपेयर्स को दी गई चेतावनी
GSTN ने करदाताओं को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जो लोग अब तक अपने बकाया GST रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं, वे जल्द से जल्द अपने रिकॉर्ड की समीक्षा करें और समय रहते रिटर्न दाखिल करें। अन्यथा, वे भविष्य में अपनी देरी का खामियाजा भुगतेंगे। इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी GSTN ने करदाताओं को इस नियम की याद दिलाई थी ताकि कोई भी करदाता इस नियम से प्रभावित न हो।
विशेषज्ञों की राय
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन के अनुसार, यह नया नियम GST प्रणाली में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है। हालांकि, ऐसे करदाता जो लंबित फाइलिंग मुकदमे, सिस्टम संबंधी दिक्कतों या निरीक्षण के कारण नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें इस कदम से नुकसान हो सकता है। मोहन ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों के लिए कोई राहत तंत्र न होने के कारण, इनपुट टैक्स क्रेडिट और वित्तीय नुकसान का सामना कर सकता है।