Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Jul, 2025 01:41 PM

महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषाओं को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में घमासान मचा हुआ है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के एक बयान ने विवाद को और भड़का दिया है।
National Desk : महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषाओं को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में घमासान मचा हुआ है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के एक बयान ने विवाद को और भड़का दिया है। हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुबे के बयान से खुद को अलग कर लिया है और इसे गलत बताया है। देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा, "निशिकांत दुबे की टिप्पणी आम मराठी लोगों को लेकर नहीं थी, बल्कि उन संगठनों के खिलाफ थी जो इस मुद्दे को जानबूझकर उकसा रहे हैं। मेरे विचार में उनका बयान पूरी तरह से सही नहीं है। देश की प्रगति में महाराष्ट्र का योगदान बहुत बड़ा है, जिसे कोई नकार नहीं सकता और न ही भूल सकता है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो वह पूरी तरह गलत है।"
निशिकांत दुबे के बयान से मचा बवाल
निशिकांत दुबे ने यह बयान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के उस निर्देश के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से गैर-मराठी बोलने वालों को निशाना बनाने को कहा था। दुबे ने किसी का नाम लिए बिना एक "बड़े बॉस" को महाराष्ट्र से बाहर आने की चुनौती दी और कहा, "तुमको पटक पटक के मारेंगे।"
ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधते हुए दुबे ने कहा, "आप कहते हैं कि सभी को मराठी बोलनी होगी, तो पहले बताइए कि आप किसकी रोटी खा रहे हैं? टाटा, बिड़ला और रिलायंस की जड़ें कहीं और हैं, महाराष्ट्र में कोई यूनिट नहीं है। टाटा की पहली फैक्ट्री तो बिहार में लगी थी। आप हमारे पैसों पर पल रहे हैं। आप कौन सा टैक्स भरते हो और आपके पास कौन सी इंडस्ट्री है? हमारे पास खनिज संसाधन हैं और आप केवल शान दिखा रहे हैं।"
दुबे ने आगे कहा, "अगर आप हिंदी बोलने वालों को मारने की बात कर रहे हैं, तो फिर उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी मारिए। अगर आप खुद को इतना बड़ा नेता समझते हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आइए—बिहार, उत्तर प्रदेश या तमिलनाडु में आइए, वहां देखिए क्या होता है। ये अराजकता अब नहीं चलेगी।"