Edited By Utsav Singh,Updated: 07 Sep, 2024 09:09 PM
म्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु पर दिए बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर तीखी टिप्पणी की है। मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान सुप्रीम...
नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु पर दिए बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर तीखी टिप्पणी की है। मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सीधी चुनौती देता है। उनका कहना था कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। तिवारी के अनुसार, अफजल गुरु को फांसी इसलिए दी गई थी क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी। इस हमले में हमारे कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इसलिए उमर अब्दुल्ला का अफजल गुरु के पक्ष में बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने जैसा है।
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उमर अब्दुल्ला का बयान SC के फैसले का विरोध
मनोज तिवारी ने कहा, "उमर अब्दुल्ला का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सीधा विरोध है। अफजल गुरु को फांसी दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमला करने की योजना बनाई थी। आतंकवादी संसद में घुसने में सफल नहीं हो पाए, लेकिन इस हमले में हमारे लगभग एक दर्जन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। ऐसे में उमर अब्दुल्ला का अफजल गुरु का पक्ष लेना सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।"
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उमर अब्दुल्ला का बयान
उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी को गलत ठहराया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अफजल गुरु को फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अब्दुल्ला ने कहा कि यदि वे निर्णय लेते तो अफजल गुरु की फांसी की मंजूरी नहीं देते। उन्होंने यह भी कहा कि वे मौत की सजा में विश्वास नहीं करते हैं क्योंकि इससे अदालती व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
अनुच्छेद 370 पर उमर अब्दुल्ला की राय
उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 के बारे में बयान देते हुए कहा कि यह मुद्दा नेशनल कॉन्फ्रेंस की विचारधारा का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धारा 370 केवल एक मुद्दा नहीं है जिस पर वे चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जब बीजेपी संसद में केवल दो सांसदों तक सीमित थी, तब किसी को यह विश्वास नहीं था कि वे धारा 370 और राम मंदिर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई प्रभाव डाल सकेंगे। हालांकि, समय के साथ परिस्थितियाँ बदलीं और यह एक लंबी लड़ाई का हिस्सा रही।
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इस बयान के माध्यम से उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 के पुनर्निर्माण की आवश्यकता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस मुद्दे पर लगातार संघर्ष को बल देने का प्रयास किया।