नए मेडिकल बिल का विरोध- देशभर में आज 3 लाख डॉक्‍टर हड़ताल पर, बंद रहेगी OPD

Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Jul, 2019 11:44 AM

opposition of new medical bill 3 lakh doctors today on strike across country

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक को पारित किए जाने के विरोध में आईएमए ने बुधवार को देशभर में 24 घंटे के लिए गैर आवश्यक सेवाएं ठप्प करने का आह्वान किया है। बहरहाल हड़ताल के दौरान आपात, दुर्घटना, आईसीयू

नई दिल्ली: राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक को पारित किए जाने के विरोध में आईएमए ने बुधवार को देशभर में 24 घंटे के लिए गैर आवश्यक सेवाएं ठप्प करने का आह्वान किया है। बहरहाल हड़ताल के दौरान आपात, दुर्घटना, आईसीयू और अन्य संबंधित सेवाएं अप्रभावित रहेंगी। यह आयोग भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि यह विधेयक गरीबों, छात्रों और लोकतंत्र का विरोधी है। आईएमए देश में डॉक्टरों और छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं। इसने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आह्वान किया है और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाने के लिए छात्रों से कक्षाओं के बहिष्कार का अनुरोध किया है। इसने एक बयान में चेतावनी दी है कि अगर सरकार ‘‘उनकी चिंताओं के प्रति उदासीन रही'' तो वे अपना प्रदर्शन तेज कर देंगे।

इस बीच ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन' (एफओआरडीए) से संबद्ध डॉक्टरों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन के मद्देनजर अपना विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला किया है। संबंधित विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया था। देशभर के हजारों डॉक्टर इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा कि आईएमए इस विधेयक को खारिज करती है और उसका प्रदर्शन जारी रहेगा। आईएमए के महासचिव आर.वी. अशोकन ने कहा कि इससे सिर्फ नीम-हकीमी को वैधता मिलेगी और लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।

मंगलवार को एफओआरडीए के प्रतिनिधियों और एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने ‘अलोकतांत्रिक और गैर संघीय' विधेयक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फैसला करने के लिए आपात बैठक की। उन्होंने कहा कि उनके बीच मौजूदा रूप में विधेयक का विरोध करने पर सहमति बनी। एम्स आरडीए के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मलही और छात्र यूनियन के अध्यक्ष मुकुल कुमार ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हमें अब भी उम्मीद है कि विधेयक को राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले इसमें कुछ आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

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