हसीना के पतन का असर: बांग्लादेश-पाकिस्तान की नजदीकी बढ़ी, 13 साल बाद ढाका पहुंचे PAK विदेश मंत्री

Edited By Updated: 23 Aug, 2025 06:43 PM

pakistan fm heads to bangladesh highest level visit in years

पाकिस्तान के विदेश मंत्री  इशाक डार शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। यह 2012 के बाद पहली बार है जब पाकिस्तान का कोई इतना बड़ा अधिकारी बांग्लादेश गया..

Dhaka: पाकिस्तान के विदेश मंत्री  इशाक डार शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। यह 2012 के बाद पहली बार है जब पाकिस्तान का कोई इतना बड़ा अधिकारी बांग्लादेश गया है। बीते 72 घंटों में दोनों देशों के कई बड़े नेताओं और सैन्य अधिकारियों की मुलाकातें हो चुकी हैं।डार ने कहा कि वह बांग्लादेश के  अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात करेंगे। रविवार को दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौता  होने की उम्मीद है।

 

भारत पर नजर 
विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है। अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री  शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से भारत-बांग्लादेश रिश्ते तनावपूर्ण हैं। वहीं, पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध अप्रैल के पहलगाम हमले  और मई में हुए  सैन्य संघर्ष के बाद बेहद नाजुक हो गए हैं। अमेरिकी विश्लेषक माइकल कूगलमान  के मुताबिक, "बांग्लादेश कभी भारत का सबसे करीबी साझेदार रहा है, लेकिन अब वह भारत के प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है।"

 

 बदलती विदेश नीति 

  •  शेख हसीना को भारत में शरण मिलने के बाद बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ समुद्री व्यापार शुरू किया।
  •  फरवरी 2025 में दोनों देशों ने सरकारी स्तर पर व्यापार बढ़ाने का ऐलान किया।
  •  पिछले हफ्ते पाकिस्तान के  वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान  ने ढाका में निवेश बढ़ाने के लिए ज्वाइंट कमीशन बनाने पर सहमति जताई।
  •  इसके बाद शुक्रवार को दोनों देशों के  शीर्ष सैन्य कमांडर भी मिले।

 

1971 की छाया और नई राजनीति 
बांग्लादेश कभी पाकिस्तान का हिस्सा रहा है और 1971 में अलग होकर स्वतंत्र हुआ था। आज भी ढाका के कई लोग पाकिस्तान से उस दौर की हत्याओं और अत्याचारों के लिए माफी  की मांग करते हैं.। लेकिन मौजूदा अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस  का रुख अलग है। वे भारत पर आरोप लगाते हैं कि उसने शेख हसीना को "गंभीर अपराधों" से बचाया। हसीना पर 2024 के  छात्र आंदोलन  को बलपूर्वक दबाने का आरोप है। यही आंदोलन इतना बड़ा हुआ कि उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा।

 

 थॉमस कीन (इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप) का कहना है, "हसीना का पतन भारत के लिए रणनीतिक झटका था, और बांग्लादेश-पाकिस्तान की नजदीकियां उसी का नतीजा हैं।" फिलहाल, बांग्लादेश ने आवामी लीग  पर प्रतिबंध लगा दिया है और फरवरी 2026 में चुनाव होंगे। ढाका का आरोप है कि भारत अब भी आवामी लीग का समर्थन कर रहा है, जबकि भारत का कहना है कि उसकी जमीन किसी भी विदेशी राजनीतिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं होती।


 

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