Edited By Radhika,Updated: 23 Aug, 2025 02:25 PM

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार, 22 अगस्त, 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का मॉडल पहली बार दुनिया के सामने पेश किया।
नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार, 22 अगस्त, 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का मॉडल पहली बार दुनिया के सामने पेश किया। इस स्वदेशी स्टेशन को पूरी तरह से भारत में बनी तकनीक से तैयार किया जाएगा। ISRO का लक्ष्य है कि 2028 तक BAS-01 मॉड्यूल लॉन्च कर दिया जाए और 2035 तक पूरे स्टेशन को अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया जाए।
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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 के मौके पर ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के आधार पर चंद्रयान-4 और शुक्र ऑर्बिटर मिशन भी शुरू किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि 'नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर' (NGL) पर काम को भी मंजूरी मिल गई है।
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2040 तक चांद से नमूने लाएगा भारत
ISRO अध्यक्ष ने आगे बताया कि भारत का लक्ष्य केवल चांद पर उतरना नहीं है, बल्कि 2040 तक सुरक्षित रूप से चांद से नमूने वापस लाना भी है। उन्होंने विश्वास जताया कि उस समय तक भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया की किसी भी अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसी के बराबर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर वैज्ञानिकों और युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने मानवता के भविष्य के लिए गहरे अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत भविष्य के मिशनों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का एक विशेष समूह तैयार कर रहा है और युवाओं से इसका हिस्सा बनने का आग्रह किया।