Edited By Radhika,Updated: 23 Aug, 2025 12:48 PM

वजन घटाने और डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय इंटरमिटेंट फास्टिंग पर अब सवाल उठने लगे हैं। 'डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज' में छपी एक नई स्टडी के अनुसार, जो लोग दिन में सिर्फ 8 घंटे या उससे कम समय के...
नेशनल डेस्क: वजन घटाने और डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय इंटरमिटेंट फास्टिंग पर अब सवाल उठने लगे हैं। 'डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज' में छपी एक नई स्टडी के अनुसार, जो लोग दिन में सिर्फ 8 घंटे या उससे कम समय के लिए खाते हैं, उनमें हार्ट से जुड़ी बीमारियों से मौत का खतरा 135% तक ज्यादा पाया गया है।
शोधकर्ताओं ने अमेरिका के 19,000 से ज़्यादा वयस्कों पर किए गए विश्लेषण में पाया कि जो लोग 12-14 घंटे की सामान्य अवधि में भोजन करते हैं, उनकी तुलना में 8 घंटे से कम की 'ईटिंग विंडो' रखने वालों में दिल की बीमारियों और ब्लड वेसल से जुड़ी समस्याओं से मौत का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
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विशेषज्ञों की राय और सावधानियां
स्टडी के सीनियर लेखक प्रो. विक्टर वेंजे झोंग ने कहा, "यह हमारा पहला अध्ययन है जो दिखाता है कि 8 घंटे से कम की ईटिंग विंडो अपनाने वालों में दिल की बीमारियों से मरने की संभावना दोगुनी से ज़्यादा है। लोगों को लंबे समय तक इस तरह की छोटी ईटिंग विंडो नहीं रखनी चाहिए।"
भारतीय विशेषज्ञ डॉ. अनूप मिश्रा ने भी इस बात पर जोर दिया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन और शुगर कंट्रोल के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसे लंबे समय तक अपनाने से थकान, पोषण की कमी, चिड़चिड़ापन और ब्लड शुगर में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह नई स्टडी इस बात को और पुख्ता करती है कि कुछ लोगों में इससे हार्ट का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग हमेशा किसी विशेषज्ञ की निगरानी में और सीमित समय के लिए ही करनी चाहिए।