NHRC की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस जामिया हिंसा से पेशेवर ढंग से नहीं निपट पाई: उच्च न्यायालय

Edited By Pardeep,Updated: 21 Aug, 2020 11:55 PM

police could not deal with jamia violence in a professional manner high court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा से पुलिस ''पेशेवर'' ढंग से नहीं निपट पाई। 
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मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा, ''उसका (एनएचआरसी का) कहना है कि वहां कानून-व्यवस्था की समस्या थी। साथ ही उसने (पुलिस में) पेशेवर समझ की कमी की बात कही है। यह (रिपोर्ट) संकेत देती है कि इससे (घटना से) पेशेवर ढंग से नहीं निपटा गया। '' अदालत ने यह टिप्पणी अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) अमन लेखी की इस दलील पर की कि आयोग का कहना है कि विश्वविद्यालय में कानून-व्यवस्था की समस्या थी, लिहाजा परिसर में पुलिस का प्रवेश जायज था। 

एएसजी ने अदालत की टिप्पणी के जवाब में कहा कि रिपोर्ट में केवल यह कहा गया है कि पुलिस ज्यादती की कुछेक घटनाएं हुईं। इसमें यह नहीं कहा गया है कि पूरी कार्रवाई ही गैर जरूरी थी। उन्होंने कहा कि आयोग ने पुलिस के अधिकारियों द्वारा ज्यादती किये जाने की कुछेक घटनाओं की जांच की जिम्मेदारी पुलिस पर छोड़ दी थी न कि किसी बाहरी एजेंसी पर। 

एएसजी की इस दलील पर अदालत ने कहा, ''यह बात ठीक है। लेकिन इसे (रिपोर्ट) को किसी के लिए क्लीन चिट नहीं माना जा सकता।'' उच्च न्यायालय कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिनमें पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों पर क्रूर तरीके से अत्यधिक बल प्रयोग करने के आरोप लगाए गए हैं। 

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