Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Jan, 2020 01:24 PM
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार किए गए डीएसपी देवेंद्र सिंह के आतंकियों के साथ कनेक्शन को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। डीएसपी देवेंद्र सिंह आतंकियों के साथ मिलकर किस बड़े हमले की फिराक में था। इतना ही नहीं सिंह का पुलवामा हमले का कनेक्शन भी...
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार किए गए डीएसपी देवेंद्र सिंह के आतंकियों के साथ कनेक्शन को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। डीएसपी देवेंद्र सिंह आतंकियों के साथ मिलकर किस बड़े हमले की फिराक में था। इतना ही नहीं सिंह का पुलवामा हमले का कनेक्शन भी सामने आ रहा है। वहीं सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष की अन्य पार्टियों ने मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी सीधे सवाल किए जा रहे है।
'2001 मेें संसद पर हुए हमले में उनका क्या रोल था?'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कई सवाल किए कि देवेंद्र सिंह कौन हैं? साल 2001 मेें संसद पर हुए हमले में उनका क्या रोल था? पुलवामा हमले में उनका क्या हाथ था, क्योंकि वह उस समय डिप्टी एसपी था? उन्होंने लिखा क्या वो हिजबुल आतंकियों को निकालने की कोशिश कर रहा था या वहा सिर्फ एक मोहरा है और असली खिलाड़ी कही और छुपें हैं। यह एक बड़ी साजिश है?
वही राष्ट्रीय दल के नेता व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर पूछा, एक पुलिस अफसर जिसने कुछ दिनों पहले ही विदेशी राजनियकों को जम्मू-कश्मीर का दौरा करवाया, जब पुलवामा में जवानों पर कार से हमला किया गया तब भी वहां पर मौजूद था, कार सुरक्षा घेरे को तोड़ कर जवानों पर हमला कर देती है। डोभाल साहब क्या हो रहा है?
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। यह हमला इतना बड़ा था कि इसने पूरे देश को झकझोर दिया था। अब इस हमले में देवेंद्र सिंह का कनेक्शन जुड़ा है। डीएसपी सिंह से पुलिस को पुलवामा पुलिस लाइन पर हुए हमले के बारे में कथित तौर पर कई अहम जानकारियां मिली थीं।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
गौरतलब हैकि आतंकवादी गतिविधियों को लेकर खुफिया जानकारी के आधार पर शनिवार शाम को अनंतनाग के वानपोह में सुरक्षा बलों ने एक वाहन को रोका। सुरक्षा बलों ने वाहन से 2 आतंकवादियों सहित डी.एस.पी. देविंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 1 ए.के.-47 राइफल, एक पिस्तौल और अन्य हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किया गया था। गिरफ्तार दोनों आतंकवादी हिजबुल के शीर्ष कमांडर हैं, जिनकी कई आतंकवादी घटनाओं के सिलसिले में तलाश थी।