मनरेगा खत्म: 'जी राम जी' बिल में बड़े बदलावों के बाद छिड़ा सियासी संग्राम, विपक्ष ने गांधी का नाम हटाए जाने पर उठाए सवाल

Edited By Updated: 16 Dec, 2025 03:01 PM

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केंद्र सरकार MNREGA को खत्म कर उसकी जगह नई स्कीम लाने जा रही है। लोकसभा में इसके लिए 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)' (VB-G Ram G Bill, 2025) नामक विधेयक लाया जाएगा। इस योजना में फंड से लेकर काम के समय तक बड़े बदलाव किए गए हैं,...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार MNREGA को खत्म कर उसकी जगह नई स्कीम लाने जा रही है। लोकसभा में इसके लिए 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)' (VB-G Ram G Bill, 2025) नामक विधेयक लाया जाएगा। इस योजना में फंड से लेकर काम के समय तक बड़े बदलाव किए गए हैं, जो किसानों के लिए फायदेमंद बताए जा रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर विपक्ष ने तीखा विरोध शुरू कर दिया है।

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फंड और काम के समय में बड़ा बदलाव

नई रोजगार गारंटी योजना मनरेगा से कई मायनों में अलग होगी:

  • फंडिंग पैटर्न बदला: मनरेगा का पूरा खर्च पहले केंद्र उठाता था। अब नए बिल में लागत को 60:40 (केंद्र:राज्य) के अनुपात में साझा करना होगा। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 रहेगा। सरकार का तर्क है कि इससे बेहतर मॉनिटरिंग होगी।
  • किसानों को राहत: नई स्कीम के तहत खेती-किसानी के पीक सीजन में जिसकी मियाद करीब 60 दिन होगी, सार्वजनिक कार्य रोक दिए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिलेगा, जिन्हें अब फसल की बुवाई और कटाई के समय मजदूरों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • काम की गारंटी बढ़ी: ग्रामीण रोजगार गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। इसके साथ ही मजदूरों को 25% अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  • बेरोजगारी भत्ता अनिवार्य: यदि राज्य समय पर काम उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, तो मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देना अनिवार्य होगा।

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खेती-किसानी के लिए नई सहूलियतें

नई योजना में किसानों की लंबे समय से चली आ रही शिकायत का समाधान किया गया है। अब लोगों को खेती और उससे संबंधित गतिविधियों, यहाँ तक कि अपने खुद के खेतों पर भी काम करने की छूट मिलेगी। राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे बुवाई/कटाई के समय मजदूरों की उपलब्धता के लिए एक साल में 60 दिनों तक सार्वजनिक काम रोक सकते हैं। इससे खेती के सीजन में मजदूरी की महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा और मजदूर अपने खेतों में काम कर सकेंगे।

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विपक्ष का तीखा विरोध: 'गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा?'

सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल किया कि आखिर इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि नाम बदलने से कार्यालयों और स्टेशनरी पर अनावश्यक खर्च होता है। साथ ही महात्मा गांधी को दुनिया का सबसे बड़ा नेता बताते हुए उनका नाम हटाए जाने के इरादे पर संदेह व्यक्त किया। टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने इस कदम को 'महात्मा गांधी का अपमान' करार दिया है।

योजना के चार प्राथमिक क्षेत्र

VB-G Ram G बिल के तहत ग्रामीण विकास के लिए चार मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है:

  1. जल सुरक्षा से जुड़े कार्य
  2. कोर ग्रामीण अवसंरचना
  3. अत्यधिक मौसमीय घटनाओं से निपटने के लिए विशेष कार्य
  4. आजीविका से संबंधित अवसंरचना

 

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