कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रशांत भूषण और अरुण शौरी

Edited By vasudha,Updated: 01 Aug, 2020 12:26 PM

prashant bhushan and arun shourie reached sc against contemporary of court

समाजसेवी प्रशांत भूषण और पूर्व मंत्री व पत्रकार अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट की धारा 2(सी)(आई) को चुनौती दी है। उन्होंने याचिका दायर कर इस धारा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन बताया है...

नेशनल डेस्क: समाजसेवी प्रशांत भूषण और पूर्व मंत्री व पत्रकार अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट की धारा 2(सी)(आई) को चुनौती दी है। उन्होंने याचिका दायर कर इस धारा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन बताया है। 

PunjabKesari

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शीर्ष अदालत अवमानना ​​अधिनियम 1971 के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दे। याचिका में तर्क दिया गया है कि लागू उप-धारा असंवैधानिक है क्योंकि यह संविधान के प्रस्तावना मूल्यों और बुनियादी विशेषताओं के साथ असंगत है। यह अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन करता है। 

PunjabKesari

बता दें कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 22 जुलाई को भूषण को उनके द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ किये गए कथित ट्वीट पर उनके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का नोटिस दिया था। पीठ ने कहा कि उनके बयान से ''न्याय के प्रशासन का प्रथम दृष्टया अपयश हुआ। 

PunjabKesari
क्या है कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट
कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट, 1971 के अनुसार, अदालत की अवमानना या तो नागरिक अवमानना या आपराधिक अवमानना हो सकती है। नागरिक अवमानना का अर्थ है किसी भी निर्णय, न्यायालय के लिए दिए गए किसी भी निर्णय, निर्देश, आदेश, रिट या अदालत की अन्य प्रक्रिया का उल्लघंन या अवज्ञा। दूसरी ओर, आपराधिक अवमानना का अर्थ है प्रकाशन (चाहे वह शब्द, बोले या लिखे गए, या संकेत द्वारा, या किसी भी मामले के दृश्य प्रतिनिधित्व, या अन्यथा) या किसी अन्य कार्य के द्वारा किया जाए। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!